कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने का शुरू हुआ सिलसिला अब भी जारी है। उपचुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। लगातार कांग्रेस नेताओं के भाजपा में आने से बीजेपी नेता अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। शिवराज के मंत्री कांग्रेसियों के भाजपा में आने से दुखी हो गए हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel)  के बयान से तो यही समझा जा सकता है। शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस नेता आम की तरह टपक हमारी पार्टी में गिर रहे (Congress leaders are dripping like mango in BJP) हैं। हमने अब बोर्ड लगा दिया है,भैया अब जगह नहीं है।

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कृषि मंत्री कमल पटेल शनिवार को कृषि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह (Agricultural University Convocation) में शामिल होने पहुंचे थे। मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि सरकार जब भी कोई अच्छा काम करने जाती है तो लोग उसका विरोध करना शुरू कर देते हैं। वहीं कुछ हाल तीन कृषि कानून (three agricultural laws) का हुआ है।

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भारत का किसान (farmer of india)  पढ़ा लिखा नहीं है। वह भावनाओं में बह जाता है। कुछ लोगों ने उन्हें भड़का दिया। चूंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) संविधान में भरोसा रखते हैं और उनका ऐसा मानना रहता है कि जब तक सारे लोग उनके निर्णय से सहमत न हो ऐसे ही निर्णय ना लागू किए जाए। यही कारण है कि उन्होंने यह कानून वापस लिया है। उन्होंने माना कि वह किसानों को यह कानून समझाने में वह सफल नहीं हो पाए है।

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साथ ही मंत्री महोदय ने कहा कि खुशी की बात यह है कि मध्य प्रदेश के एक भी जिले में किसान आंदोलन नहीं हुआ। कुछ लोग मध्य प्रदेश से दिल्ली जाना चाहते थे। उन किसानों को भी बैठ कर समझाइश दी गई थी। वहीं कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि कांग्रेस तो पूरी तरीके से खत्म हो रही है। उनके नेता आम की तरह टपक रहे हैं। कुछ लोग और आना चाहते थे लेकिन अभी उन्हें रोक दिया गया है।हमने तो उनके आम की तरह टपकने को लेकर बोर्ड लगा दिया है कि अब हमारे यहां जगह नहीं है।

प्रदेश में खाद की कोई समस्या नहीं 

वहीं प्रदेश के कई जिलों में खाद को लेकर आपस मे किसानों के बीच हो रही मारपीट और झगड़ों पर कृषि मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं (No fertilizer crisis in Madhya Pradesh) है। वितरण केंद्रों पर जो लाइन लग रही हैं वह POS मशीन की वजह से लग रही है। खाद हम सबको दे रहे हैं। अंधाधुंध किसी को नही देंगे। बड़े किसान छोटे किसानों का हक छीनने की कोशिश करते हैं। हम ऐसा नहीं होने दे रहे हैं। लिहाजा वे लोग हंगामा करने लगते हैं।