संदीप सिंह ठाकुर. लोरमी. एक तरफ किसान अपने साल भर की मेहनत से उगाई फसल की कटाई में लगे है उसकी मिसाई कर संग्रहण केंद्रों में ले जाकर बेच रहे हैं, वहीं जिले के लोरमी विकासखंड में एक-दो, सौ-पचास नहीं बल्कि 2900 किसान ऐसे हैं, जिनके खेतों में कम बारिश की वजह से अन्न का एक दाना भी नहीं हुआ. इसमें सबसे ज्यादा वनांचल क्षेत्र के किसान प्रभावित हुए हैं.

मुंगेली जिला में पिछले दो वर्षों में कम बारिश होने से सूखे की मार झेल रहे किसानों को इस बार भी सूखे का सामना करना पड़ा है, स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि किसानों के सामने अब कर्ज पटाने की समस्या खड़ी हो गई है. लोरमी विकास खण्ड की बात करे तो 2400 हेक्टेयर में अल्प वर्षा से सूखे की स्थिति निर्मित हुई है. जिले का एकमात्र बांध खुड़िया में मनियारी जलाशय से पूरे जिले के किसानों को फसल के लिए पानी दिया जाता है. लेकिन कम बारिश के चलते बांध में भी जल भराव कम हुआ, जिसकी वजह से नहरों से भी किसानों को पानी कम दिया गया. लिहाजा, कम बारिश की वजह से न तो बारिश हुई और न ही नहर से पानी मिला.

प्रीमियम काटने में जल्दबाजी, भुगतान में देर

फसल नहीं होने से अब बैंक से लिए कर्ज को पटाने की चिंता में घुले जा रहे किसानों ने बताया कि सरकार फसल बीमा के प्रीमियम की राशि तो उनके बैंक खातों से तत्काल काट लेती है, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद भी उन्हें बीमा की राशि नहीं मिलती. किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष भी फसल बीमा का प्रीमियम काटने के बाद भी उन्हें फसल बर्बाद होने के बाद बीमा राशि का भुगतान आज तक नही किया गया है, वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के जिला अधिकारी सर्वे रिपोर्ट आने के इंतजार में बैठे है, अभी तक उनके पास सूखे को लेकर कोई आंकड़ा ही नहीं है, जबकि लोरमी तहसील के अधिकारी सितम्बर माह में ही सर्वे कर लेने की बात कह रहे है.