Bihar Elections 2025: बिहार की राजनीति हमेशा से चेहरे और गठबंधनों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। विधानसभा चुनाव 2025 में भी बड़ा सवाल यही है कि जनता आखिर किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। इसी कड़ी में C-Voter सर्वे के ताज़ा नतीजे सामने आए हैं, जो फरवरी से सितंबर 2025 के बीच जनता की राय को दर्शाते हैं।

नीतीश कुमार की लोकप्रियता में आई गिरावट

सीएम नीतीश कुमार पर जनता का भरोसा अब भी कायम है, हालांकि मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उनकी लोकप्रियता में गिरावट दिखी है। फरवरी 2025 में जहां 18% लोग उन्हें पसंद कर रहे थे, जून में यह घटकर 17% और अगस्त में 15% रह गया। सितंबर में हल्की बढ़त के साथ यह आंकड़ा 16% पर पहुंचा।

दिलचस्प बात यह है कि कामकाज को लेकर संतुष्टि का स्तर लगातार बढ़ा है। फरवरी में 58%, जून में 60% और सितंबर में 61% लोग नीतीश कुमार के काम से संतुष्ट दिखे। यानी जनता उनके प्रशासनिक काम से खुश है, लेकिन अगले कार्यकाल के लिए उन्हें सीएम फेस के तौर पर लेकर उतनी उत्साहित नहीं दिख रही।

जनता की पहली पसंद बने तेजस्वी यादव

राजद नेता तेजस्वी यादव सर्वे में जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। फरवरी में उन्हें 41% समर्थन मिला था, लेकिन जून में यह घटकर 35% और अगस्त में 31% तक पहुंच गया। हालांकि, सितंबर में उनका ग्राफ फिर चढ़ा और वह 36% पर पहुंच गए।
विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी “वोट अधिकार यात्रा” और “बिहार अधिकार यात्रा” ने उनकी पकड़ को फिर मजबूत किया है। युवाओं और बदलाव की चाह रखने वाले मतदाताओं का झुकाव अभी भी उनके पक्ष में दिखाई दे रहा है।

चिराग और सम्राट को लेकर सीमित जनाधार

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान ने फरवरी में सिर्फ 4% से शुरुआत की थी, लेकिन जून में उनका समर्थन बढ़कर 10% हो गया। अगस्त में मामूली गिरावट (9%) के बाद सितंबर में फिर 10% पर बने रहे। भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने फरवरी में 8% से शुरुआत की थी, जून और अगस्त में 10% तक बने रहे, लेकिन सितंबर में यह घटकर 7% रह गया। दोनों नेताओं का जनाधार सीमित और स्थिर नजर आता है।

प्रशांत किशोर सबसे बड़े सरप्राइज

सर्वे का सबसे बड़ा सरप्राइज रहे प्रशांत किशोर। फरवरी में 15% समर्थन से शुरुआत करने वाले पीके जून में 16% पर पहुंचे और सितंबर तक यह आंकड़ा 23% हो गया। उनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता यह संकेत देती है कि जनता उन्हें एक गंभीर विकल्प के तौर पर देखने लगी है। उनकी रणनीतिक सोच और नए राजनीतिक प्रयोग शायद उन्हें बिहार की राजनीति में मजबूत जगह दिला सकते हैं।

बदलाव की तलाश में जनता

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के कामकाज से संतुष्ट तो है, लेकिन अगले कार्यकाल के लिए उनकी पसंद किसी और चेहरे की ओर झुक रही है। तेजस्वी यादव 36% समर्थन के साथ सबसे आगे हैं, जबकि प्रशांत किशोर लगातार उभरते हुए चुनौतीपूर्ण विकल्प बन रहे हैं। 2025 का चुनाव इस बार पारंपरिक मुकाबले से ज्यादा युवाओं बनाम अनुभव और स्थिरता बनाम बदलाव की जंग बन सकता है।

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