पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा। जैन संत आचार्य महाश्रमणजी भूसारास गांव के बाद आज सुबह 10 बजे के आसपास मोखपाल पहुंचे, जहां पर उनका स्वागत सत्कार किया गया. जैन संत आचार्य ने लल्लूराम.कॉम को बताया कि सर्वरूप से विश्व में शांति स्थापित करने के लिए यह यात्रा शांति, सद्भावना और नशामुक्त समाज की चारों तरफ रचना हो यह उद्देश्य लेकर चल रही है. जिससे विश्वभर में शांति स्थापित हो सके. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि यह यात्रा अनवरत 2014 से जारी है जो रायपुर होते हुए राजस्थान तक चलेगी.

मोखपाल स्कूल आश्रम भवन में संत आचार्य श्री महाश्रमण ने अपना प्रवचन भी दिया, जिसे सैकड़ों भक्तों ने ध्यान से सुना.

श्री महाश्रमण के पदयात्रा में मैलेवाड़ा, नकुलनार के जगह जगह उनके शांति संदेश के पोस्टर लगे हुए, अहिंसा यात्रा के इस महाअभियान में कई गाड़ियों और उनके सेवकों का जत्था भोजन पानी की व्यवस्था लेकर स्वतः ही चल रहा है. प्रतिदिन 14 से 15 किमी की यात्रा बाद उनका अगला पड़ाव होता है. जहां वे ठहरते व लोगों को शांति संदेश देते चल रहे हैं.

देश के कई हिस्से बेंगलुरु, रायपुर, और जैन समाज की कईं शाखाये सेवा भाव से इस अहिंसा यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं. क्षेत्रीय लोगों में बंशीलाल नाहटा, भोमराज टाटिया, एनएमडीसी से माइनिंग इंजीनियर संजय कोचर, राजेन्द्र ताटिया, योगेश नाहटा, ऋषभ टाटिया, स्वरूप ताटिया, कुणाल ताटिया और जैन समाज के कई वरिष्ठ व माताएं भी इस अभियान में साथ साथ चल रहे हैं.