गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान भीषण हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या पहले 265 बताई गई थी जोकि अब बढ़कर 275 हो गई है। फिलहाल एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के मलबे की जांच चल रही है। इसको लेकर सभी की निगाहें भारत की एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो ( Aircraft Accident Investigation Bureau-AAIB) पर टिकी हैं। यह डीजीसीए से अलग नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है। यह एजेंसी देश के सबसे भयानक विमान दुर्घटना जांच की अगुवाई कर रही है। एएआईबी का काम है विमान दुर्घटनाओं की जांच करना और उड्डयन से जुड़े सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाना। गौरतलब है कि, AAIB के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने शुक्रवार को अहमदाबाद विमान हादसे की जगह का दौरा किया है।

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केंद्रीय एजेंसियों के दौरे की जानकारी नहीं दी गई किसी को

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी। गुरुवार दोपहर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद, लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट—बोइंग 787 ड्रीमलाइनर—जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे, एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई। एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि विमान जिस बीजी मेडिकल कॉलेज होस्टल और क्वार्टर पर गिरा, उसके नीचे मौजूद कम से कम 33 लोगों की भी जान चली गई।

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शनिवार को मलबे में मिला एक और शव

अहमदाबाद में प्लेन क्रैश वाली जगह से शनिवार को एक और शव बरामद हुआ है। आज जब बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से मलबा हटाया जा रहा था, तब विमान की टेल में फंसा हुआ था, जिसे नीचे उतारा। बाद में इसका पोस्टमॉर्टम हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह शव एयर होस्टेस का हो सकता है। इस हादसे में विमान के अंदर मौजूद केवल एक यात्री ब्रिटिश नागरिक विश्वाशकुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच पाया।

केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन

मंत्रालय के 13 जून के आदेश के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली AAIB की इस समिति में नागर विमानन सचिव और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सदस्य के रूप में शामिल हैं। गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा मोचन प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, वायुसेना के महानिदेशक (निरीक्षण एवं सुरक्षा), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रतिनिधि भी समिति का हिस्सा हैं। अन्य सदस्यों में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और फॉरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक शामिल हैं। आदेश के अनुसार, विमानन विशेषज्ञों, दुर्घटना जांचकर्ताओं और कानूनी सलाहकारों सहित किसी भी अन्य सदस्य को समिति में शामिल किया जा सकता है। समिति दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी और यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारणों सहित इस दुर्घटना के कारकों का आकलन करेगी।

आदेश में कहा गया है कि यह आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपयुक्त एसओपी तैयार करेगी। एसओपी में ऐसी घटनाओं को रोकने और निपटने के बारे में श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय तरीके अपनाए जाने की बात भी शामिल होगी। समिति बचाव कार्यों और समन्वय सहित विभिन्न हितधारकों की आपातकालीन प्रतिक्रिया का आकलन करेगी।

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मौजूदा दिशा-निर्देशों की समीक्षा करेगी समीति

उड्डयन मंत्रालय ने कहा समिति ऐसी घटनाओं से निपटने के बारे में मौजूदा दिशा-निर्देशों की समीक्षा करेगी और देश में पहले हुई ऐसी विमान दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड की जांच करेगी। अन्य कार्यों के अलावा, समिति एक व्यापक एसओपी तैयार करेगी तथा दुर्घटना के बाद के हालात से निपटने एवं प्रबंधन के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों की सभी एजेंसियों तथा संगठनों की भूमिका का सुझाव देगी।

क्या है एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो?

1934 के विमान अधिनियम के अनुसार भारत सरकार को यह अधिकार है कि वह भारत में या भारत के ऊपर उड़ने वाले विमानों से होने वाली दुर्घटनाओं की जांच के लिए नियम बनाए। पहले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) का एयर सेफ्टी डायरेक्टोरेट यह काम करता था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) चाहता था कि विमान दुर्घटनाओं की जांच करने वाली संस्था नियामक संस्था से अलग हो। इसलिए, भारत सरकार ने डीजीसीए से अलग एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) बनाया है। इसकी स्थापना 30 जुलाई, 2012 को की गई थी। फिर 2017 और 2021 में इससे जुड़े विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम में बदलाव किए गए। एएआईबी नागरिक विमानन मंत्रालय के अधीन है और स्वतंत्र रूप से विमान हादसों की जांच करता है।

एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो के अधिकार

एएआईबी को किसी भी एजेंसी या संगठन से साक्ष्य लेने का पूरा अधिकार है और इसके लिए उसे किसी अदालत या सरकारी संस्था से अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं है। यह नियम इस ब्यूरो को बहुत शक्तिशाली बनाता है। एएआईबी को यह अधिकार अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) के प्रावधानों के तहत दिया गया है, ताकि जांच के काम में कोई बाधा नहीं आए।

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