अहमदाबाद। गुरुवार दोपहर अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट टेक-ऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के अनुसार, विमान ने उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘Mayday’ कॉल भेजा था। इसके बाद ATC की ओर से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन पायलट की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। अब सवाल उठता है – आखिर ये ‘Mayday’ कॉल क्या होती है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है?
क्या होता है Mayday कॉल?
‘Mayday’ एक इंटरनेशनल इमरजेंसी कॉल सिग्नल होता है, जिसका इस्तेमाल पायलट तब करते हैं जब विमान किसी गंभीर संकट में हो। यह एविएशन में सबसे गंभीर चेतावनी होती है, जो यह बताती है कि विमान में बैठे लोगों की जान को खतरा है और तुरंत मदद की जरूरत है।
आसान भाषा में समझें
जब विमान किसी ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है जहां कोई बड़ा खतरा है – जैसे इंजन फेल होना, गंभीर तकनीकी खराबी, खराब मौसम या कोई मेडिकल इमरजेंसी, तो पायलट रेडियो के जरिए तीन बार ‘Mayday’ कहकर कंट्रोल रूम या नजदीकी विमानों को अलर्ट करता है। इसका मतलब होता है – “मैं खतरे में हूं, मदद चाहिए।”
कहां से आया ये शब्द?
‘Mayday’ शब्द फ्रेंच भाषा के “m’aider” से निकला है, जिसका मतलब होता है – “मेरी मदद करो” (Help me)। इसकी शुरुआत रेडियो कम्युनिकेशन के शुरुआती दौर में हुई थी, ताकि संकट में फंसे पायलट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सामान्य और पहचाने जाने वाले शब्द से मदद मांग सकें।
कब किया जाता है इस्तेमाल?
Mayday कॉल का उपयोग इन परिस्थितियों में होता है:
- विमान का इंजन फेल हो जाए
- तकनीकी खराबी या फायर अलार्म
- बहुत खराब मौसम
- संपर्क टूटना
- विमान में किसी यात्री या क्रू को मेडिकल इमरजेंसी होना
- कोई भी हालात जहां जान का खतरा हो
इस स्थिति में पायलट आमतौर पर रेडियो पर तीन बार “Mayday, Mayday, Mayday” बोलता है ताकि उसकी बात को गंभीरता से लिया जाए और तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
गौरतलब है कि अहमदाबाद हादसे में भी इसी तरह का सिग्नल भेजा गया था, लेकिन संपर्क टूटने के बाद विमान क्रैश हो गया। DGCA इस मामले की जांच कर रही है।
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