नई दिल्ली. Nasscom Global Confluence 2025 में विशेषज्ञों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से बढ़ता विकास भारतीय छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए एक सुनहरा अवसर है. AI की मदद से ये संस्थाएं कम संसाधनों में भी बड़ी सफलता हासिल कर सकती हैं.

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AI के युग में SMEs का नया रास्ता

सम्मेलन में ‘Engineering the Connected AI Future: Building Smarter Systems Together’ सत्र के दौरान, Humanize Tech के संस्थापक और CEO जगदीश मित्रा ने कहा: “यह SMEs के लिए एक निर्णायक मोड़ है. AI और क्लाउड-बेस्ड मॉडल अब संस्थापकों को 100 गुना तेजी से स्केल करने में मदद कर रहे हैं— वो भी कम संसाधनों के साथ.”

उन्होंने कहा कि भारत की SME इकाइयां अब बड़े वर्कफोर्स की आवश्यकता के बिना नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती हैं.

Agentic AI: SMEs के लिए क्रांति की ओर

विशेषज्ञों ने Agentic AI को SMEs के लिए गेम-चेंजर बताया. यह तकनीक पारंपरिक सीमाओं से ऊपर उठने का अवसर देती है. अब नवाचार और स्केलेबिलिटी वर्कफोर्स की संख्या पर निर्भर नहीं रहेंगी.

डाटा की गुणवत्ता: असली कुंजी

नागारो के AI और डेटा साइंस डायरेक्टर अनुराग सहाय ने कहा: “डेटा नया तेल है, लेकिन फर्क यह है कि यह नवीकरणीय (renewable) है! हम इसे बना सकते हैं, जनरेट कर सकते हैं और सिंथेसाइज़ भी कर सकते हैं.”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अच्छे AI मॉडल के लिए साफ और प्रासंगिक डाटा जरूरी है, और यही प्रक्रिया सबसे अधिक समय और संसाधन मांगती है.

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स्थानीय जरूरतों पर केंद्रित मॉडल जरूरी

विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकांश AI मॉडल पश्चिमी डेटा सेट्स पर आधारित होते हैं, जिससे वे भारतीय उपयोगकर्ताओं की जरूरतों के अनुरूप नहीं होते. इसलिए, स्थानीय और क्षेत्रीय डाटा से प्रशिक्षित मॉडल की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग की मांग

लीडर्स ने डेटा डेमोक्रेटाइजेशन की वकालत की ताकि AI में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिल सके. इसके लिए सरकारी एजेंसियों और कंपनियों के बीच बेहतर सहयोग को जरूरी बताया गया.

AI क्षेत्र में स्किल गैप को भरने की जरूरत

सम्मेलन में शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे. विशेषज्ञों ने कहा कि AI जॉब मार्केट की मांग के अनुसार कोर्स और सिलेबस को अपडेट करना होगा. क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसे कौशल को बढ़ावा देना समय की मांग है.

SaaS से आगे: अब सेवा बनेगी सॉफ्टवेयर

जगदीश मित्रा ने एक नया दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा: “अब समय आ गया है कि हम SaaS (Software as a Service) से आगे बढ़ें और ‘Service as Software’ की सोच को अपनाएं— यानी पारंपरिक सेवाओं को AI और ऑटोमेशन से प्रोडक्टाइज्ड सॉल्यूशन्स में बदला जाए.”

AI सिर्फ एक तकनीक नहीं है, बल्कि भारत के SMEs को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने वाला एक प्लेटफॉर्म भी है. अब जरूरत है तेजी से इसके अभ्यास, प्रशिक्षण और उपयोग की.

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