नई दिल्ली. दिल्ली में अवैध पार्किंग, सड़कों पर गड्ढे, सड़कों पर फैलाए जा रहे कचरे समेत कई समस्याओं की पहचान अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) करेगा.

दिल्ली नगर निगम ने ट्रैफिक नियमों की अनदेखी का पता लगाने वाली एक एआई तकनीक पर आधारित निजी कंपनी नयन इंडियन साइंस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है. करार के तहत दो माह तक दिल्ली के तीन वार्डों में पायलट प्रोजेक्ट का संचालन होगा, जिसमें एआई तकनीक के जरिए कंपनी सड़कों पर मौजूद विभिन्न समस्याओं व शिकायतों का पता लगाएगी. प्रोजेक्ट के खत्म होने के बाद रिपोर्ट तैयार होगी. रिपोर्ट के परिणामों के आधार पर इस नई व्यवस्था को पूरी दिल्ली में लागू किया जाएगा. अभी प्रोजेक्ट की शुरुआत शाहदरा दक्षिण जोन के प्रीत विहार वार्ड, करोल बाग जोन के पूर्वी पटेल नगर और मध्य जोन के कोटला मुबारकपुर से शुरू होगी.

ऐसे होगी शिकायतों की पहचान निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, दिल्ली पुलिस व अन्य एजेंसियों की तरफ से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के जरिए कंपनी विभिन्न शिकायतों की निगरानी करते हुए उनकी पहचान करेगी. इसमें कंपनी के एआई तकनीक के सहयोग से निगम अधिकारियों और कर्मचारियों तक शिकायतों को पहुंचाया जाएगा. इसमें अवैध पार्किंग, सड़कों किनारे व अन्य जगहों पर कूड़ा फैलने, जलभराव, पशुओं के सड़कों पर घूमने, शौचालयों की साफ-सफाई में कमी जैसी व्यवस्थाओं पर कंपनी नजर रखेगी. कंपनी प्रतिनिधि एक कक्ष में बैठे-बैठे सभी शिकायतों की पहचान करेंगे. इसके बाद कंपनी और निगम की ऐप में ऑनलाइन शिकायतों को अपडेट किया जाएगा. इसमें वीडियो और तस्वीरें ऐप के जरिए साझा करते हुए शिकायतों को तुरंत दूर किया जाएगा .

स्मार्ट कनेक्टिविटी से सहयोग

इस प्रोजेक्ट के जरिए तीनों वार्डों में 150 किलोमीटर के सड़क मार्ग में आने वाली सभी शिकायतों व समस्याओं का एक इंटेलिजेंट डाटा तैयार होगा. स्मार्ट कनेक्टिविटी के जरिए इस डाटा को नई मोबाइल ऐप में पहुंचाया जाएगा. पुलिस के कैमरे के अलावा बॉडी कैमरे, ड्रोन कैमरे के जरिए भी शिकायतों का डाटा इकट्ठा करने की योजना है. कंपनी इन सभी पैमाने के तहत कार्य करती है.

ऐप 311 से बिल्कुल अलग

नगर निगम की मौजूदा मोबाइल ऐप 311 से यह व्यवस्था पूरी तरह अलग है. इसमें दिल्ली के नागरिक अपने वार्डों में समस्याओं की खुद पहचान कर उसे ऐप में तस्वीरों के जरिए अपडेट करते हैं. जबकि, एआई तकनीकसे निगम अधिकारियों व कर्मचारियों तक अपने आप ही शिकायतें पहुंचेंगी. इन शिकायतों को समयबद्ध तरीके से दूर करने के लिए निगम की जिम्मेदारी होगी.

एएससीआई के साथ करार किया

निगम ने पूरी दिल्ली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और इससे जुड़े वर्ष 2016 के नियमों का अनुपालन के ऑडिट के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय (एएससीआई) के साथ 3 माह का करार किया है. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में कमियों की पहचान कर निगम को सूचना देने का काम संस्थान का है. संस्थान निगम को कूड़े का बेहतर निस्तारण करने के प्रबंधन के लिए सुझाव देगा.