ओडिशा के मलकानगिरी जिला मुख्य अस्पताल में प्रायोगिक आधार पर अपनी तरह का पहला एआई (AI) संचालित माइक्रोस्कोप स्थापित किया गया है, जो प्रारभिंक स्तर पर मलेरिया (मलेरिया) का पता लगाने में मददगार साबित होगा. मलकानगिरी के मुख्य जिला चिकित्सा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रफुल्ल कुमार नंदा ने बुधवार को अस्पताल में इसका उद्घाटन किया.
नंदा ने कहा, एआई माइक्रोस्कोप (AI Microscope) सटीकता के साथ मलेरिया का पता कर सकता है. उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे के एक स्टार्टअप द्वारा विकसित यह माइक्रोस्कोप, दो मलेरिया परजीवियों पी फाल्सीपेरम और पी विवैक्स के बीच आसानी से पहचान कर सकता है. जिससे मलेरिया का बेहतर ढंग से उपचार किया जा सकेगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2021 के सारांश के अनुसार, 2020 में भारत ने वैश्विक स्तर पर मलेरिया के मामलों में 1.7 प्रतिशत और मौतों में 1.2 प्रतिशत का योगदान दिया. मलेरिया वर्तमान में 33 भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक उल्लेखनीय बीमारी है. सरकार का अनुमान है कि भारत 2027 तक मलेरिया मुक्त हो जाएगा और 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने की उम्मीद है.
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