चंडीगढ़। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि जिस तरह वह तालिबान शासित अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर सहायता भेज रही है, उसी तरह पंजाब के प्रति भी संवेदनशीलता दिखाए। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अफगानिस्तान को तो तुरंत राहत सामग्री भेजी गई, लेकिन बाढ़ से प्रभावित पंजाब को वित्तीय और मानवीय सहायता देने में देरी क्यों हो रही है।

वित्त मंत्री चीमा ने जोर देकर कहा कि पंजाब, जिसने लगातार देश की अन्न सुरक्षा और आर्थिक ताकत में योगदान दिया है, को मुश्किल की घड़ी में तुरंत और पर्याप्त सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि यदि मानवीय सहायता सीमाओं के पार भेजी जा सकती है, तो फिर अपने ही लोगों की मदद करने में झिझक क्यों?

वित्त मंत्री चीमा ने केंद्र से अपील की कि वह बाढ़ प्रभावित नागरिकों के कल्याण को प्राथमिकता दे और राहत पैकेज, बुनियादी ढांचे की सहायता तथा पुनर्वास के कार्यों को तेज करे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में खुले दिल से दान देने की अपील भी की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्राप्त हुई हर सहायता पारदर्शी और जवाबदेही के साथ खर्च की जाएगी, ताकि एक-एक रुपया जरूरतमंदों तक पहुँच सके।

इसी दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उपभोक्ताओं के हित में जी.एस.टी. दरों की कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) शुरू से ही इसकी मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि नए 2-स्लैब जी.एस.टी. दर ढांचे के लाभ आम लोगों तक पहुँचने चाहिए, ताकि महंगाई से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब जी.एस.टी. प्रणाली पहली बार लागू की गई थी, तब सभी राज्यों ने इस शर्त पर इसका समर्थन किया था कि जब तक उनकी अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं होती, केंद्र सरकार किसी भी राजस्व नुकसान की भरपाई करेगी। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि राज्यों की अर्थव्यवस्था अभी भी स्थिर नहीं है और ताजा जी.एस.टी. दरों में कटौती से उन पर और असर पड़ेगा।

वित्त मंत्री चीमा ने केंद्र सरकार से राज्यों को जी.एस.टी. मुआवजा जारी रखने की अपील करते हुए कहा कि यह वित्तीय स्थिरता के लिए बेहद ज़रूरी है, खासकर तब जब कई राज्य इस समय चुनौतियों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से पंजाब पिछले चार दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है और केंद्र सरकार को जी.एस.टी मुआवजा जारी रखने के साथ-साथ राज्य के बाढ़ पीड़ितों के लिए तुरंत वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।