नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक चिकित्सक को साथी महिला चिकित्सक को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में तलब किया और कहा कि मौजूद साक्ष्य मामले को आगे बढ़ाने के लिए ‘प्रथम दृष्टया पर्याप्त’ हैं.
अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत प्रथमदृष्टया आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने का आधार है. अदालत ने आरोपी की दो बहनों और भाई को आरोपमुक्त कर दिया.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने आरोपी डॉ. दीपक गुप्ता को तलब किया है. आरोपी के खिलाफ हौजखास पुलिस ने मामला दर्ज किया था. अदालत ने कहा कि पेश आरोपपत्र और दस्तावेज के तहत चालान का अध्ययन करने के बाद वे महसूस करते है कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य हैं. अदालत ने आरोपी को 26 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है.
एफआईआर के अनुसार एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने शादी के बहाने शिकायतकर्ता महिला डॉक्टर के साथ कई मौकों पर दुष्कर्म किया.