शब्बीर अहमद, भोपाल। भोपाल एम्स  (Bhopal AIIMS- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में इंटर्न डॉक्टर मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (AIIMS intern doctors sitting on hunger strike)  पर बैठ गए हैं। लगातार 7 सात दिन से प्रदर्शन कर रहे इंटर्न डॉक्टर आज से भूख हड़ताल पर बैठ गए। लगभग 100 इंटर्न स्टूडेंट एम्स कैंपस में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इंटर्न डॉक्टर 54 दिन का कोविड इंसेंटिव (covid incentive) देने की मांग कर रहे हैं। भोपाल एम्स प्रबंधन (Bhopal AIIMS Management)  ने कोविड काल (covid period) के दौरान इंटर्न डॉक्टर को इंसेंटिव देने का वादा किया था। बावजूद इसके इंटर्न डॉक्टरों को कोविड इंसेंटिव नहीं दिया गया। इंटर्न डॉक्टर सिर्फ पानी पी रहे हैं।

इंटर्न डॉक्टरों ने कहा कि निदेशक की तरफ से ना तो उनको कोई लिखित आश्वासन मिला और ना ही वह बात करने को तैयार है। इसलिए अब हमारे पास भूख हड़ताल पर बैठने के अलावा कोई दूसरा उपाए नहीं है। डाक्टरों की भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती।

वहीं मामले में एम्स निदेशक ने कहा कि प्रोत्साहन राशि दिलाने का मामले उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों से अवगत करा दिया है।

सांसद प्रज्ञा ठाकुर का आश्वासन भी नहीं आया काम 

रविवार को सांसद प्रज्ञा ठाकुर (MP Pragya Thakur) ने एम्स पहुंचकर इंटर्न डॉक्टराें से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी थी। डॉक्टरों ने सांसद को अपनी मांग के संबंध में जानकारी दी। इस पर सांसद ने डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर जरूरत पड़ने पर वह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगी। सांसद के आश्वासन के बाद इंटर्न डॉक्टरों ने अपना भूख हड़ताल एक दिन के लिए टाल दिया था। सांसद का आश्वासन भी काम नहीं आया और डॉक्टरों को 54 दिन का कोविड इंसेंटिव नहीं मिला। इसके बाद मंगलवार से इंटर्न डॉक्टर भूख ह़ड़ताल पर बैठ गए।

17 अप्रैल से 9 जून तक कोरोना मरीजो की सेवा की थी

बता दें कि दरअसल कोविड काल के दौरान इंटर्न डॉक्टर को इंसेंटिव देने का वादा किया था। इंटर्न डॉक्टरों ने 17 अप्रैल से 9 जून 2021 तक कोरोना मरीजो की सेवा की थी।