कुंदन कुमार/पटना। बिहार की राजनीति में आज एक दिलचस्प और कुछ हद तक अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला। AIMIM के इकलौते विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान आज अपने समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़े बजाते हुए पटना स्थित लालू यादव के आवास पहुंचे। उनका उद्देश्य साफ था ओवैसी की पार्टी AIMIM को महागठबंधन में शामिल किया जाए।
गुलदस्ता नहीं, मांग पत्र लेकर पहुंचे विधायक
अख्तरुल ईमान अपने समर्थकों के साथ खास तैयारी के साथ पहुंचे थे। न तो कोई औपचारिक बैठक तय थी और न ही कोई आमंत्रण मिला था लेकिन इसके बावजूद वे एक मांग पत्र लेकर पहुंचे जिसमें AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने की अपील की गई थी।
लालू आवास से मिली ठंडी प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि उन्हें लालू यादव से मिलने तक नहीं दिया गया। न तो कोई नेता उनसे मिला और न ही उन्हें आवास में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। अंततः लालू आवास से एक कार्यकर्ता बाहर आया जिसने उनका मांग पत्र लिया और बस वहीं पर औपचारिकता पूरी कर दी गई।
राजनीति में ऐसा दृश्य पहली बार
यह पहला मौका है जब कोई पार्टी खुद को किसी गठबंधन में शामिल करने के लिए इतनी सार्वजनिक रूप से बेचैनी दिखा रही है और गठबंधन की ओर से उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही। आमतौर पर राजनीतिक दलों को गठबंधन में शामिल करने के लिए कोशिशें की जाती हैं, लेकिन यहां पूरा परिदृश्य उल्टा नजर आया।
AIMIM का सीमांचल कनेक्शन
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र से 5 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में इनमें से 4 विधायक राजद में शामिल हो गए थे। अब पार्टी के पास सिर्फ अख्तरुल ईमान ही विधायक बचे हैं, जो खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
राजनीतिक संकेत क्या हैं?
इस घटनाक्रम से दो बातें साफ होती हैं पहली AIMIM सीमांचल की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने को लेकर चिंतित है। और दूसरी महागठबंधन फिलहाल उन्हें तरजीह देने के मूड में नहीं है।
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