पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र से अप्रत्याशित सफलता हासिल करने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM अब बड़े राजनीतिक दांव खेलती दिखाई दे रही है। पांच सीटों की जीत से उत्साहित पार्टी ने राज्य में एक नए राजनीतिक समीकरण का प्रस्ताव दिया है, जिसकी चर्चा पूरे बिहार की राजनीति में तेज हो गई है।

AIMIM ने दिया नए गठबंधन का प्रस्ताव

AIMIM के आधिकारिक एक्स हैंडल से जारी पोस्ट में पार्टी ने दावा किया कि अभी भी बिहार में गैर-एनडीए सरकार बनाई जा सकती है। इसके लिए AIMIM ने जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, CPI-ML, CPI-M और AIMIM को एक मंच पर आने का सुझाव दिया है। पार्टी का कहना है कि इन सभी दलों के समर्थन से कुल 124 सीटें हो जाती हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 122 से अधिक हैं।

नीतीश को PM उम्मीदवार का दावा

उत्साह में AIMIM ने एक संभावित मंत्रिमंडल की सूची भी जारी कर दी। इसमें दावा किया गया कि गठबंधन बनने पर मुख्यमंत्री AIMIM से होगा, जेडीयू को दो उपमुख्यमंत्री और 20 मंत्री पद मिलेंगे। इसके अलावा आरजेडी को 6, कांग्रेस को 2 और CPI-ML व CPI-M को एक-एक मंत्रालय देने की बात कही गई है। सबसे चौंकाने वाला प्रस्ताव यह है कि AIMIM ने नीतीश कुमार को 2029 के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का सुझाव दिया है।

सीमांचल में मजबूत पकड़

AIMIM का प्रभाव मुख्य रूप से सीमांचल क्षेत्र में है, जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। इस बार पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 24 सीटें इसी क्षेत्र की थीं। यहां AIMIM ने न सिर्फ 5 सीटें जीतीं, बल्कि कई इलाकों में महागठबंधन को कड़ी चुनौती भी दी। विशेषज्ञों के मुताबिक सीमांचल में AIMIM की मौजूदगी से मुस्लिम वोटों का बिखराव हुआ, जिससे आरजेडी और कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा।

महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश हुई थी नाकाम

चुनाव से पहले AIMIM महागठबंधन में शामिल होना चाहती थी, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस ने उसके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद ओवैसी की पार्टी ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया और सीमांचल में महत्वपूर्ण प्रदर्शन करते हुए अब नई राजनीतिक संभावनाओं की बात कर रही है।