भोपाल। मध्य प्रदेश में कई जगहों पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील का असर देखने को मिला। मुस्लिम समुदाय ने काली पट्टी बांधकर जुमे की नमाज अदा की और वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया। वहीं रायसेन जिले में काली पट्टी लगाने को लेकर कुछ लोग आपस में भिड़ गये। कहासुनी, हातापाई के बाद विवाद इतना बढ़ा की धारदार हथियार निकल आये। मारपीट के दौरान चार लोग घायल हो गए।
दरअसल, आज (28 मार्च) को रमजान महीने का आखिरी जुमा था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने की अपील की थी। बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ शांतिपूर्ण और मौन प्रदर्शन करने को कहा था। एमपी में इसका असर देखने को मिला। राजधानी भोपाल में लोग काली पट्टी बांधकर जुमे की नमाज पढ़ने पहुंचे।

नमाज पढ़ने पहुंचे लोगों ने कही ये बात
नमाज पढ़ने पहुंचे मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में हम काली पट्टी बांधकर पहुंचे है। बिल पास होता है तो हमें हमारी संपत्ति खोने का डर है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हमें जो इजाजत है, उसे बरकरार रखा जाए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में किसी की दखलअंदाजी सही नहीं है।
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विदिशा में भी विरोध
विदिशा जिले की जामा मस्जिद में भी काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी गई। मस्जिद के इमाम अब्दुल रकीब ने कहा कि देश की सरकार जमीन के विरोध में जो बिल लाना चाहती है, हम उसका विरोध करते है। यह हमारे पक्ष में नहीं है, इसमें हमारी जमीन है, हमारे हाथ से चली जाएगी।

रायसेन में विवाद, 4 घायल
इधर, रायसेन जिले की मुकरबा वाली मस्जिद में एक ही समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। दरअसल, कुछ लोग काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे तो वही कुछ लोग बिना काली पट्टी के पहुंचे। इसे लेकर दो पक्षों में विवाव हो गया। देखते ही देखते धारदार हथियार चल गए। जिससे चार लोग घायल हो गए। इनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। फिलहाल उसे रायसेन के जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कांग्रेस का समर्थन, बीजेपी पर बोला हमला
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि बोर्ड हमेशा मुसलमानों के हित के लिए काम करता है। AIMPLB ने एक निर्देश जारी किया है जिसे मुस्लिम समाज के लोग पालन कर रहे हैं। यह कोई राजनीतिक अपील नहीं है। राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। पर्सनल लॉ बोर्ड को लगता है कि संशोधन विधेयक जरूरी नहीं है। इसलिए सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से शांतिपूर्वक विरोध करने की बात कही है। भाजपा द्वारा इस निर्देश को चंद नेताओं की राजनीति बताने पर कहा कि रामेश्वर शर्मा जबरन धर्म की राजनीति कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार हमेशा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को दबाने का प्रयास करती है।
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वर्गों को टारगेट करती है बीजेपी- आनंद जाट
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि बीजेपी की सरकार वर्गों को टारगेट करती है। धर्म-जाति को टारगेट करती है, जिसे टारगेट करती है उसे बिना पूछे कानून बनाती है। जबकि कानून हितों की रक्षा के लिए बनाया जाता है। यदि वक्फ बोर्ड संशोधन कानून हितकर है तो मुस्लिम क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। आखिर इस कानून को बनाने से पहले मुसलमानों से रायशुमारी क्यों नहीं की गई। बीजेपी का यही एजेंडा है। इतिहास में कानून वापस भी लिए गए। किसानों के तीन कानून भी एक उदाहरण है, जब हमें आजादी मिलने का उद्देश्य यही था कि हम आत्मनिर्भर के आधार पर शासन करेंगे, सबके लिए समानता का भाव, लेकिन मोदी सरकार ऐसे कानून ला रही है जो स्वीकार नहीं है। आज एक वर्ग इससे खुश नहीं है। कानून को लेकर मुसलमान की बात को सुनना चाहिए, फिर निर्णय लेना चाहिए।
भाजपा ने कहा- कांग्रेस ने मजहब के आधार पर देश का बंटवारा कराया था
बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि एक विशेष वर्ग है जो इस तरीके की बात करवा रहा है। यह जनहित का संशोधन है, 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हित का संशोधन है। इस पर ऐसी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह विशेष वर्ग की राजनीति की आपत्ति है। राहुल गांधी एक और संविधान की पुस्तक लेकर चलने की बात करते हैं। दूसरी ओर मजहब के आधार पर देश का बंटवारा कांग्रेस ने ही कराया था। देश संविधान कानून से चल रहा है। मोदीजी का मूल मंत्र है। सबका साथ सबका विकास…किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है।
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