कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। एयर कमोडोर माधव रंगाचारी वायु सेना मेडल ने एयर कमोडोर आशीष सिंह वायु सेना मेडल विशिष्ट सेवा मेडल से एयर फोर्स स्टेशन ग्वालियर की कमान संभाली। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र, एयर कमोडोर रंगाचारी को जून 1997 में लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके पास लगभग 3000 घंटे की दुर्घटना मुक्त उड़ान का श्रेय है। मिराज-2000, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और मिग-21 को परिचालन में उड़ाने के बाद, वह भारतीय वायुसेना के अन्य फिक्स्ड विंग लड़ाकू और परिवहन विमानों पर भी योग्य हैं।
इन्होंने स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस के पहले स्क्वाड्रन की कमान संभाली। वर्तमान नियुक्ति से पहले, उन्होंने बेंगलुरु में विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान के मुख्य परीक्षण पायलट और वायु सेना स्टेशन सुलूर में मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में कार्य किया है। वह एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक, एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं और उन्होंने एयर स्टाफ और उच्च वायु कमान पाठ्यक्रम पूरा किया है।
एयर कमोडोर माधव रंगाचारी के कमान संभालने के अवसर पर एक औपचारिक परेड आयोजित की गई। जिसे स्टेशन के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और वायु योद्धाओं ने अपने परिवारों के साथ देखा। इस अवसर पर ग्वालियर क्षेत्र के नंबर 1 एयर फोर्स स्कूल ग्वालियर, आर्मी पब्लिक स्कूल मोरार, एएमआईटीवाई इंटरनेशनल स्कूल, सिंधिया स्कूल और नियोटेरिक वर्ल्ड स्कूल के छात्र भी उपस्थित थे।
छात्रों को बेस के लड़ाकू स्क्वाड्रनों का भी दौरा कराया गया। गौरतलब है कि ग्वालियर का महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन देश के प्रमुख एयरफोर्स स्टेशनों में शुमार है। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के दौरान भी ग्वालियर के इसी एयरफोर्स स्टेशन से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर पाकिस्तान को सबक सिखाया था।
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