दिल्ली. दीपावली दीपों और पटाखों का त्योहार हैं. लेकिन पटाखें जलाने से हमारा वातावरण प्रदूषित होता है जिसके जिम्मेदार हम खुद होते हैं. वहीं. इस बार भी पटाखों से हुए प्रदूषण से हवा काफी जहरीली हो गई है. इसके कारण आसमान में धुंध छाई हुआ है और लोगों को आंखों में जलन, पानी और गले में दर्द, सिर में दर्द जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. लेकिन ये स्थिति उन लोगों के लिए और भी घातक है ​जो अस्थमा या सांस से जुड़ी किसी बीमारी के मरीज हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो वायु प्रदूषण वैसे तो सभी के लिए हानिकारक होता है. इसके कारण स्वस्थ लोग भी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं क्योंकि प्रदूषण के कारण जहरीली हुई हवा सांस के जरिए हमारे फेफड़ों तक पहुंचती है. लेकिन जो लोग अस्थमा के मरीज हैं, टीबी, निमोनिया, आईएलडी या किसी अन्य सांस की समस्या से ग्रसित हैं, उनके लिए प्रदूषणयुक्त जहरीली हवा खतरनाक साबित हो सकती है और उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है.

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स्वस्थ लोगों को भी सांस का मरीज बनाता प्रदूषण

सांस रोग विशेषज्ञ की मानें तो भारत में अस्थमा अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है. ये समस्या बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही है. वर्तमान में करीब डेढ़ से दो करोड़ लोग इस समस्या से ग्रसित हैं. इसका एक बहुत बड़ा कारण तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण है. अस्थमा के दौरान व्यक्ति की सांस की नलियों में सूजन आ जाती है और श्वास नली की दीवार मोटी होने लगती है. ऐसे में उसे सांस लेने में काफी परेशानी होती है. वहीं सर्दी के दिनों में ये समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है. इन दिनों प्रदूषण ने वातावरण को दूषित कर दिया है, इसके साथ ही मौसम में भी बदलाव शुरू हो चुका है. ऐसे में अस्थमा के रोगिया के लिए खतरा काफी बढ़ गया है. वहीं प्रदूषण की वजह से स्वस्थ लोगों में भी अस्थमा का खतरा बढ़ गया है.

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट

अस्थमा की समस्या होने पर सांस फूलना, घरघराहट या सीटी की आवाज आना, सीने में जकड़न महसूस होना, बेचैनी महसूस करना, खांसी, सिर में भारीपन, थकावट महसूस करना आदि लक्षण सामने आते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या हो रही है तो आपको विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. इसके अलावा अस्थमा रोगियों को अपने पास हमेशा इन्हेलर रखना चाहिए ताकि ​अटैक आने पर स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.

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इन जांचों से होती पुष्टि

आपके लक्षण के आधार पर विशेषज्ञ अस्थमा की जांच कराते हैं. इस दौरानस्किन प्रिक टेस्ट व ब्लड टेस्ट कराया जाता है. रिपोर्ट के आधार पर स्थिति स्पष्ट रूप से सामने आती है.

समस्या से बचाव के​ लिए बरतें ये सावधानी

 प्रदूषण के दौरान बाहर निकलने से परहेज करें. बहुत जरूरी हो तो मास्क प​हनकर बाहर जाएं.

 सर्दी की शुरुआत होने लगी है, ऐसे में शरीर को गर्म रखने वाले कपड़े पहनें.

 पालतू जानवर से बचें और तंबाकू, सिगरेट आदि से परहेज करें.

 किचेन में छौंक के धुएं से बचाव करें. एग्जॉस्ट चलाने के बाद काम की शुरुआत करें.

 अगर अस्थमा से ग्रसित हैं तो घर से बाहर जाते समय इन्हेलर जरूर साथ रखें.

 ज्यादा समस्या होने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें.