नई दिल्ली . राजधानी को अगले तीन दिन प्रदूषित हवा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. हवा की रफ्तार थोड़ी तेज होने से एक दिन पहले की तुलना में तो वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है.

दिल्ली के लोगों को इस साल सर्दियों के सीजन में पहले की तुलना में ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. इस बार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आए हैं. इसके चलते जहां एक ओर तो बारिश नहीं हुई है, दूसरी ओर हवा की रफ्तार भी बहुत कम रही है. दोनों कारकों के चलते प्रदूषक कणों का बिखराव बेहद धीमा है और प्रदूषण की स्थिति लगातार बनी हुई है.

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक बुधवार को औसतन छह से आठ किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवा पश्चिम से उत्तर दिशा की ओर से चलीं. वहीं, बृहस्पतिवार को हवा विभिन्न दिशा की ओर से चलेंगी. इस दौरान हवा की गति चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटे रहने का अनुमान है. शुक्रवार को हवा उत्तर-पूर्व से उत्तर-पश्चिम दिशा से चल सकती है. गति चार से आठ किमी रहने के आसार है. शनिवार को हवा उत्तर-पश्चिम से पश्चिम दिशा से चलने की आशंका है. इस दौरान हवा की गति छह से 12 किमी प्रति घंटे रहने की उम्मीद है.

नरेला रहा सर्वाधिक प्रदूषित

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक 13 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई. इनमें नरेला का सर्वाधिक सूचकांक दर्ज किया गया. यहां एक्यूआई 415 रहा. नेहरू नगर में 413, मुंडका में 412, वजीरपुर में 411, पंजाबी बाग व ने मोती बाग में 409, रोहिणी में 405 व ओखला फेज-2 में 404 एक्यूआई दर्ज किया गया. साथ ही, 17 इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में रही. मथुरा रोड़ व सीरोफोर्ट में 399, पटपड़गंज में 396, शादीपुर में 393, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 390, आरके पुरम में 389 व पूसा में 387 सूचकांक दर्ज किया गया. वहीं तीन इलाकों में हवा 200 के पार रही. इनमें दिलशाद गार्डन में 288, लोधी रोड़ में 286 व आया नगर में 285 एक्यूआई रहा.

ये रह सकती है स्थिति पूर्व वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान भी हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है. इसके चलते वायु गुणवत्ता का स्तर भी बेहद खराब या खराब श्रेणी में बना रहेगा.

मानकों के मुताबिक, प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है. दिल्ली-एनसीआर की हवा में गुरुवार शाम चार बजे पीएम 10 का स्तर 256 और पीएम 2.5 का स्तर 146 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा. यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषक कणों का औसत स्तर मानकों से ढाई गुना ज्यादा है.