वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि इन रॉफेल विमान के फ्रांस के एयरबेस से गुजरात के जामनगर तक की लंबी उड़ान के दौरान फ्रांसीसी वायुसेना का हवा में ईधन भरने वाला विमान भी साथ रहेगा। फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का करार किया है।
इसी कड़ी में वायुसेना को रॉफेल की खेप की आपूर्ति फ्रांस की तरफ से की जा रही है। इसके साथ ही राफेल उड़ाने के लिए अलग अलग बैच में भारतीय वायुसेना के पायलटों को फ्रांस में प्रशिक्षित किया जा रहा है। पहले बेड़े को वायुसेना में शामिल किए जाने के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल विमानों को गेम चेंजर बताया था। उनका कहना था कि राफेल के साथ वायुसेना ने टेक्नोलॉजी के स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। यह नवीनतम हथियारों और सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है। इनमें से आधे विमान अंबाला एयरबेस और आधे पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे।