बीडी शर्मा, दमोह। हिंदू धर्म के अनुसार परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने के बाद उनके परिजन आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं का कार्यक्रम करते हैं। इस कार्यक्रम में परिचित को बुलाकर भोजन कराया जाता है। यह सब मृत्यु के बाद होता है। लेकिन मध्य प्रदेश से एक अजब-गजब मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने अपने शरीर का नहीं बल्कि आत्मा का निधन होने पर जीवित रहते हुए अपनी तेरहवीं के कार्यक्रम का आयोजन किया। 

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यह पूरा मामला सामने आया है दमोह जिले के फुटेरा वार्ड क्रमांक 1 से। यहां रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी ने अपनी तेरहवीं के कार्यक्रम का आयोजन किया है। लोगों को निमंत्रण देने के लिए उन्होंने शोक पत्र की जगह एक विस्मरण पत्र छपवाया और लोगों को इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया।इस कार्ड में लिखा था- सूचित करना पड़ रहा है कि जयप्रकाश सोनी (शिक्षक) की आत्मा का निधन हो गया है। उनकी आत्मविहीन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए 31 मार्च 2024 को स्वल्पाहार का आयोजन किया जा रहा है। आप पधारकर शुभाशीष प्रदान करें।   

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इस अनोखे कार्यक्रम का आयोजन करने वाले रिटायर्ड शिक्षक ने बताया कि मेरे मन में यह विचार आया कि क्यों ना मैं जीवित रहते हुए ही अपनी तेरहवीं करूं। फिर मैंने अपने परिवारजनों के साथ अपनी तेरहवीं का आयोजन किया जिसमें पूरी विधि विधान के साथ पूजन पाठ भी कराया, ब्राह्मण एवं परिचितों को भोज कराया गया। 

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