रायपुर- कथित ईडी की जांच से गुजर रहे सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर ने बयान जारी कर उन पर लगाए गए तमाम आरोपों पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने उनके खिलाफ आरोप लगाया है. उनके खिलाफ वे दीवानी एवं फौजदारी का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर चुके हैं.

अजय चंद्राकर ने जारी बयान में कहा है कि- ऐसा प्रतीत होता है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मेरे विरूद्ध दोषारोपण किया जा रहा है.

 

मंत्री अजय चंद्राकर का पूरा बयान यहां पढ़िए-

 

विगत कुछ समय से मेरे विरूद्ध दैनिक समाचार पत्रों तथा सोशल मीडिया में इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि मेरे तथा मेरी पत्नि तथा मुझसे संबंधित अन्य लोगों का एचडीएफसी बैंक शाखा देवेंद्र नगर रायपुर में खाता है, जिसमें 2008-2009 से 2015-2016 के बीच 20 अरब के आसपास का संव्यवहार किया गया है. साथ ही यह भी प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है कि मेरे द्वारा उक्त खाते में अपने पैन नंबर अर्थात abzpc3737g का उपयोग नहीं किया जाकर कोई अन्य पैन नंबर का उपयोग किया जा रहा है,  जिसमें पता एवं जन्म तिथि मेरे द्वारा बदल दी गई है. साथ ही कई तथ्यों को छिपाया गया है अथवा परिवर्तित कर फर्जी एवं असत्य दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है तथा मेरे विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कार्य़वाही की जा रही है. साथ ही 250 करोड़ रूपए की अवैध संपत्ति अर्जित की गई है. उक्त तथ्य मेरे विरूद्ध श्री कृष्ण कुमार साहू एवं डाॅ.मनजीत कौर बल द्वारा की जा रही है. यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि मेरे द्वारा चुनाव के समय जो शपथ पत्र दिया गया है उसमें इन बैंक खातों संपत्तियों एवं अचल संपत्तियों का  संपूर्ण विवरण नहीं दिया गया है.

उपरोक्त संपूर्ण तथ्य पूर्णतः निराधार एवं असत्य है. मेरे तथा मेरी पत्नि का एचडीएफसी बैंक देवेंद्र नगर रायपुर जिसमें लगभग 20 अरब का लेनदेन बताया गया है. ऐसा कोई खाता, एफडी, एचडीएफसी बैंक, देंवेद्र नगर अथवा संपूर्ण भारत वर्ष में नहीं है. ऐसा प्रतीत होता है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मेरे विरूद्ध दोषारोपण किया जा रहा है.

मैं वर्ष 1998 में प्रथम बार विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश राज्य के अधीन कुरूद विधानसभा से लड़ा, जिसमें मैं कुरूद विधानसभा से विधायक के रूप में निर्वाचित हुआ. वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में पुनः कुरूद विधानसभा से निर्वाचित हुआ एवं वर्ष 2008 में पुनः भाजपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें श्री लेखराम साहू निर्वाचित हुआ. मैं पुनः 2013 में भाजपा की ओर से कुरूद विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में निर्वाचित हुआ हूं अर्थात मैं आज दिनांक तक चार विधानसभा का चुनाव भाजपा के प्रत्याशी के रूप में लड़ा हूं एवं चारों चुनावों में मेरे द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है. उक्त शपथ पत्र में वर्णित चल-अचल संपत्ति एवं बैंक खातों की जानकारी मेरे द्वारा दी गई है. वह पूर्णतः सत्य है, जिनका उल्लेख मेरे तथा मेरी पत्नि के आयकर विवरणी में उल्लेखित है. इसके अतिरिक्त संपूर्ण भारत वर्ष में मेरे अथवा मेरी पत्नि के द्वारा कोई भी चल-अचल संपत्ति धारित नहीं की जाती है और ना ही कोई बैंक खाता धारित किया जाता है. एचडीएफसी बैंक द्वारा मेरे एवं मेरी पत्नि के खाते होने के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, जिसका जवाब बैंक द्वारा दिया गया कि मेरा तथा मेरी पत्नि का कोई भी खाता, एफ़डी आदि नहीं है.

मेरे विरूद्ध लगाए गए संपूर्ण दोषारोपण पूर्णतः मिथ्या है एवं मैं आज इस पत्रकारवार्ता में घोषणा करता हूं कि मेरे तथा मेरी पत्नि एवं पुत्र के नाम पर चल-अचल संपत्ति जिनका विवरण वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रस्तुत शपथ पत्र तथा पश्चात 2016-2017 के आयकर विवरणी में उल्लेखित चल-अचल संपत्ति एवं बैंक खातों के अतिरिक्त जितनी भी चल-अचल संपत्ति एवं कथित बैंक खाता बताये जाते हैं, वह संपूर्ण राज्य शासन एवं केंद्र सरकार इसके अधीन भी वह संपत्ति आती है, वह उसे राजसात कर लेंवे. मेरे विरूद्ध जिन भी व्यक्तियों, संस्था, पार्टी एवं अन्य के द्वारा मिथ्या दोषारोपण किया जा रहा है, उनके विरूद्ध मैं तत् संबंध में दीवानी एवं फौजदारी कार्यवाही करने हेतु अग्रसर हो रहा हूं.

पूर्व में भी झूठे तथ्यों के आधार पर धमतरी जिला न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ के सक्षम एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में आवेदन संबंधित लोगों के द्वारा दिया गया था, जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया गया है एवं जांच में भी उक्त तथ्य असत्य पाए गए हैं.