पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भीतर सियासी भूचाल मच गया है। भागलपुर से जदयू सांसद अजय कुमार मंडल ने पार्टी नेतृत्व से नाराज होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा देने की अनुमति मांगी है। उनका आरोप है कि टिकट बंटवारे में उनसे कोई राय नहीं ली गई और उनकी राजनीतिक हैसियत की पूरी तरह से अनदेखी की गई। सांसद अजय मंडल ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि वह पिछले 10 दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मैं एक निर्वाचित सांसद हूं, लेकिन पार्टी में मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही। मेरे क्षेत्र के टिकट वितरण में मेरी राय नहीं ली गई जो न केवल अपमानजनक है, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी गलत परंपरा की शुरुआत है। उन्होंने पार्टी संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान नेतृत्व जमीनी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहा है जिससे पार्टी की छवि और जनाधार दोनों को नुकसान हो रहा है।

नीतीश के आवास के बाहर विरोध की लहर

इस पूरे घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग पर सियासी हलचल तेज हो गई। भागलपुर के सांसद के इस्तीफे के साथ-साथ जदयू विधायक गोपाल मंडल भी टिकट कटने को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में कुछ लोग उन्हें चुनाव से बाहर करने की साजिश कर रहे हैं।

नवीनगर सीट को लेकर विरोध तेज

वहीं नवीनगर सीट को लेकर भी विरोध तेज हो गया है। पार्टी ने इस सीट से चेतन आनंद को टिकट दिया है, जिससे नाराज लोगों की भीड़ मुख्यमंत्री निवास तक पहुंच गई और जोरदार नारेबाजी हुई।

पार्टी नेतृत्व के लिए बढ़ी चुनौती

इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि जदयू में टिकट बंटवारे को लेकर भारी असंतोष है। इस्तीफे और विरोध प्रदर्शन ने न केवल पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि चुनाव से पहले अंदरूनी एकजुटता पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। नीतीश कुमार को अब इस नाराजगी को जल्द संभालना होगा, वरना ये बगावत पार्टी को चुनावी नुकसान की तरफ ले जा सकती है।