गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उपजा विवाद अब और गहराता जा रहा है। सोमवार को पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने गौरेला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया कि जोगी की प्रतिमा का विधिवत अनावरण जल्द से जल्द हो।

रेणु जोगी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कही ये बात

पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा के लिए उन्होंने नगर पंचायत, कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से वैधानिक अनुमति मांगी थी ताकि युवाओं को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि आज पहली बार कलेक्टर को यह जानकारी हुई कि वह जमीन सरकारी नहीं बल्कि निजी है।

अमित जोगी ने इस दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह भूमि उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैं अपनी जमीन पर किसकी प्रतिमा लगाऊं या नहीं लगाऊं, यह कोई नगरपालिका तय नहीं कर सकती।” अमित ने 2020 में प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि प्रतिमा पूरी तरह से कानूनी तरीके से स्थापित की गई थी।


CMO पर गंभीर आरोप
अमित जोगी ने गौरेला नगर पालिका के सीएमओ नारायण साहू पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सीएमओ ने “दारू पिलाकर गुंडों को भेजा” जिन्होंने प्रतिमा को चुराया। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और बनारस से बुलाए गए थे।
अमित ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को सीएमओ की शिकायत शासन स्तर पर हटाने के लिए दी है और कलेक्टर ने इस पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे प्रतिमा चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अमित ने कहा कि जब हम खुद CMO की लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकते है तो पुलिस क्यों नहीं कर सकती।
क्या है विवाद की जड़?
अमित जोगी का कहना है कि प्रतिमा को उनके अधिपत्य की भूमि पर वैधानिक रूप से स्थापित किया गया था और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना था। मगर इससे पहले ही प्रतिमा को कथित तौर पर रातों-रात चोरी कर लिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी यह झूठा भ्रम फैला रहे हैं कि उस जगह पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगनी थी।
अमित जोगी ने दिया था अल्टीमेटम
अमित जोगी ने इससे पहले चेतावनी दी कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ शासन के 2003 और 2015 के शहरी विकास दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह नियम सिर्फ सार्वजनिक भूमि पर लागू होते हैं, जबकि उनका मामला निजी जमीन से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि स्थापित मूर्ति की ऊंचाई सिर्फ ढाई मीटर है, जो नियमानुसार है।
CMO नारायण साहू ने दी सफाई, कहा- “हमारी कोई भूमिका नहीं”

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर मचे बवाल के बीच गौरेला नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) नारायण साहू ने अपना पक्ष सामने रखा है। मूर्ति तोड़फोड़ के आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।
साहू ने कहा, “यह जो घटना हुई है, उसके बारे में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। किन व्यक्तियों ने इस कृत्य को किया है, वह अपने स्वयं के विवेक से किए होंगे। शासन जो भी कार्रवाई करेगा, उसमें हम साथ हैं। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है, ना ही नगर पालिका प्रशासन की कोई भूमिका है।”
CCTV फुटेज को लेकर प्रतिक्रिया
जब उनसे पूछा गया कि प्रतिमा को नगर पालिका कार्यालय के पास छोड़ दिया गया और CCTV कैमरों से कुछ फुटेज भी मिले हैं, तो उन्होंने कहा, “CCTV कैमरे में जो भी फुटेज आए हैं, वह जांच का विषय है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।”
आरोपों से किया इनकार
अमित जोगी द्वारा लगाए गए आरोपों जवाब देते हुए नारायण साहू ने स्पष्ट कहा, “हमारी कोई भूमिका नहीं है। ना ही हमने किसी को ऐसा करने के लिए कहा और ना ही हमारी मंशा ऐसी कोई कार्रवाई करने की रही है।”
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