विप्लव गुप्ता, पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद जोगी का आज राजकीय सम्मान के साथ गौरेला के ज्योतिपुर कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान केवल परिवार के 20 लोग व वीवीआईपी मौजूद थे. जहां पर जोगी का अंतिम संस्कार किया गया वहीं पर ही उनकी बेटी अनुषा जोगी को दफनाया गया है.
अजीत जोगी का अंतिम दर्शन करने छत्तीसगढ़ के हजारों लोग पहुंचे थे. उनके पैतृक गांव जोगीसार में ग्रामीणों के दर्शन के लिए रखा गया. गांव वाले अपने चहेते बेटे को देखकर आंसू रोक नहीं पाए. जोगीसार के अलावा पूरे आस-पास लोग मौजूद थे. उनके साथ बिताए वक्त और काम को लेकर याद किये. जोगी को जानने वाले अपने आंसू रोक नहीं पाए. गांव वालों के लिए बेहद भावुक पल था.
अंतिम दर्शन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल, प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, प्रदेश के कई विधायक समेत अन्य तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे.
रायपुर के सागौन बंगले से अजीत जोगी का पार्थिव देह बिलासपुर होते हुए ले जाया गया. रास्ते में जगह-जगह उनके चाहने वाले लोगों ने अंतिम विदाई दी. आखिरी सलाम किया. उनके किए विकास कार्यों का याद किया. कार्यकर्ताओं ने अजीत जोगी अमर रहे के नारे लगाते रहे. जब पार्थिव देह जोगीसार पहुंचा तो पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. भारत में जोगीसार का नाम रौशन करने वाले अपने होनहार बेटे को ग्रामीणों ने भावुक होकर अंतिम विदाई दी.
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