Rajasthan News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान का अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भागवत के शब्द सिर्फ बयान नहीं, बल्कि गहरे संदेश होते हैं। उनके मुताबिक, यह संदेश बताता है कि भारतीय संस्कृति का आधार हमेशा जोड़ने में रहा है, तोड़ने में नहीं।

भागवत ने क्या कहा था?
इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि भारत अपने परंपरागत मूल्यों और ज्ञान, कर्म और भक्ति की त्रिवेणी के कारण लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि पश्चिमी देश अपने मूल्यों से भटक चुके हैं। भागवत ने यहां तक कहा कि कभी विंस्टन चर्चिल ने भविष्यवाणी की थी कि आजादी के बाद भारत टिक नहीं पाएगा, लेकिन सच इसके उलट साबित हुआ। आज इंग्लैंड खुद बंटने की स्थिति में है, जबकि भारत मजबूती से खड़ा है।
अजमेर दरगाह का समर्थन
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि भागवत का संदेश पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि भारत किसी दबाव में झुकता नहीं और न ही किसी पर दबाव डालता है। आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है।
चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि उनकी अगुवाई में भारत की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। उन्होंने याद दिलाया कि अजमेर की दरगाह हमेशा से भाईचारे और इंसानियत का संदेश देती आई है। ख्वाजा गरीब नवाज़ ने लोगों को जोड़ने का रास्ता दिखाया और वही परंपरा आज भी दरगाह से जारी है, चिश्ती ने कहा। उन्होंने देशवासियों से एकजुट रहकर तरक्की के लिए काम करने की अपील की।
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