रायपुर.  जिला कबीरधाम के ग्राम बालसमुंद के झामसिंग धुर्वे की गोली लगने से हुई मौत के मामले में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कलेक्टर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इस मामले पर अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने वनमंत्री मोहम्मद अकबर से मुलाकात करके घटना की पूरी जानकारी दी.
गौरतलब है कि झामसिंह के साथ घटना के वक्त मौजूद रहे नेम सिंह ने स्थानीय थाने में शिकायत करके मध्यप्रदेश पुलिस पर झामसिंह धुर्वे की हत्या का आऱोप लगाया है. उन्होंने घटना की जांच की मांग की है. अपनी रिपोर्ट में नेम सिंह ने कहा है कि वे झामसिंह के साथ मछली मारने गए थे. उधर, मध्यप्रदेश पुलिस ने झामसिंह को नक्सली  बताया था.
नेम सिंह की शिकायत के बाद जब मामला अनुसूचित जनजाति आयोग के संज्ञान में आया तो अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई बोड़ला स्थित झामसिंह के गांव बालसमुंद पहुंचे. उन्होंने नेम सिंह समेत झामसिंह के परिजनों और दूसरे गांववालों से बात की. नितिन पोटाई ने घटनास्थल का भी निरीक्षण किया. वहां से लौटने के बाद उन्होंने घटना की पूरी जानकारी वनमंत्री मोहम्मद अकबर को दी. इस बीच,अकबर ने कवर्धा कलेक्टर को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन का एक प्रतिनिधि ग्राम बालसमुंद पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले. पीड़ित परिवार से बात करे और वे पूरे मामले की जानकारी लेकर छत्तीसगढ़ शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
नेमसिंग धुर्वे ने थाना झलमला में 8 सितम्बर को शिकायत की थी कि वे दोनों 6 सितम्बर को गरी लेकर मराडबरा नदी में मछली पकड़ने गए हुए थे. वहां से लौटते हुए दो बंदूकधारी व्यक्तियों ने रूकने को बोला. सिपाहियों की मारपीट की आशंका से वे दोनों भाई झामसिंग धुर्वे व नेमसिंग धुर्वे भागने लगे. नेमसिंग ने बताया कि भागते वक्त उसने पीछे से गोली चलने की आवाज सुनी. वो किसी तरह भागते हुए घऱ पहुंच गया लेकिन झाम सिंह नहीं पहंचा. अगले दिन उसकी लाश पड़ी मिली.
उधर, मध्यप्रदेश पुलिस का दावा है कि झामसिंह नक्सली या नक्सली समर्थक था. लेकिन परिजन और ग्रामीण इसे बेबुनियाद आरोप बता रहे हैं. नेमसिंह ने अपनी शिकायत में घटना की जांच और दोषियों को सज़ा देने की मांग की थी.