चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को अकाली नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को बड़ी राहत देते हुए उन्हें ड्रग मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी. जस्टिस लिसा गिल ने उन्हें मामले में जांच में शामिल होने के लिए कहा. मजीठिया ने अपनी याचिका में कहा कि यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी आगामी चुनावों पर नजर रखते हुए दर्ज की गई है. याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार दांव पर हैं.

Punjab Assembly Election 2022: कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

 

मौजूदा विधायक मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के बहनोई हैं. उन्होंने 20 दिसंबर को नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में मोहाली की एक अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था. राज्य पुलिस की अपराध शाखा द्वारा मोहाली पुलिस स्टेशन में दर्ज 49 पन्नों की प्राथमिकी में शिअद नेता पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 25, 27ए और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मजीठिया के मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने की, जबकि पंजाब सरकार के मामले की पैरवी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने की. वकील डीएस सोबती ने मीडिया को बताया कि मजीठिया बुधवार को जांच में शामिल होंगे.