लखनऊ. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुद्रा योजना को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने सरकार पर तीखे सवाल दागते हुए इस योजना की विसंगति और अन्य समस्याओं को लेकर सवाल किया है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए पूछा है कि उनकी ओर से किए गए सवालों का जवाब कौन देगा, जुमलाई सरकार या बैंक?

अखिलेश ने लिखा है कि- ‘मुद्रा योजना’ की पहली दशकीय पारी पूरी होने पर 10 वर्ष के नाम पर निम्नलिखित 10 महत्वपूर्ण सरल और सीधे सवाल तो जनता भाजपाइयों से पूछ ही सकती है :
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- क्या सच में 52 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का पैसा मिला?
- यदि ये सत्य है तो मुद्रा ऋण लेनेवालों ने अगर 2 लोगों को भी रोजगार दिया तो पूरे देश में बेरोजगारी लगभग शून्य होनी चाहिए थी. क्या इस तथ्य में कोई विसंगति है?
- जब दोनों ही आंकड़े सरकारी हैं तो मुद्रा योजना या बेरोजगारी के आंकड़े में से किसको सही माना जाए?
- मुद्रा योजना में लोन के रूप में बंटा 33 लाख करोड़ रुपया किसके खातों में गया?
- क्या इन खातों की कभी जांच परख या लेखापरीक्षण या कहें ऑडिट हुआ?
- क्या इनके द्वारा समर्थित या शुरू हुए उपक्रमों ने कभी लाभ कमाया और दिखाया?
- क्या सरकार को इनसे कभी इनकम टैक्स प्राप्त हुआ और हुआ तो कितना?
- क्या इनमें से किसी ने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवाया?
- इनसे कुल कितना जीएसटी प्राप्त हुआ?
- बैंकों को मुद्रा योजना के वितरण पर हुए कुल खर्च और इससे मिले कुल ब्याज के बीच क्या कुछ लाभ हुआ या ये योजना कुछ अपने लोगों को बैंकों के खजाने से पैसा पहुंचाने का माध्यम मात्र बनकर रह गई?
जवाब जुमलाई सरकार देगी या बैंक?
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