लखनऊ. नजूल भूमि विधेयक पर घर में घिरी बीजेपी पर विपक्ष ने हमले तेज कर दिए हैं. अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर आज दूसरा अटैक सरकार और बीजेपी पर किया है. उन्होंने इस बिल को हमेशा के लिए वापस करने की मांग की है.

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा, ”नज़ूल लैंड का मामला पूरी तरह से ‘घर उजाड़ने’ का फ़ैसला है क्योंकि बुलडोज़र हर घर पर नहीं चल सकता है. भाजपा घर-परिवार वालों के ख़िलाफ़ है. जनता को दुख देने में भाजपा अपनी ख़ुशी मानती है. जब से भाजपा आई है, तब से जनता रोजी-रोटी-रोज़गार के लिए भटक रही है, और अब भाजपाई मकान भी छीनना चाहते हैं.”

हमेशा के लिए वापस हो नजूल जमीन बिल

उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों के पास दो जगह का विकल्प है, पर हर एक उनके जैसा नहीं है. बसे बसाये घर उजाड़कर भाजपावालों को क्या मिलेगा. क्या भू-माफ़ियाओं के लिए भाजपा जनता को बेघर कर देगी? अगर भाजपा को लगता है कि उनका ये फ़ैसला सही है तो हम डंके की चोट पर कहते हैं, अगर हिम्मत है तो इसे पूरे देश में लागू करके दिखाएं क्योंकि नज़ूल लैंड केवल यूपी में ही नहीं पूरे देश में है. सपा की यही मांग है कि अमानवीय ‘नज़ूल ज़मीन बिल’ हमेशा के लिए वापस हो.”

बीजेपी विधायकों ने किया विधेयक का विरोध

गौरतलब है कि यूपी में नजूल जमीन विधेयक का मुद्दा गर्म है. अपने ही नेताओं के विरोध के बाद योगी सरकार को इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजना पड़ा. योगी सरकार के नजूल जमीन विधेयक का विरोध सहयोगी दलों ने भी किया है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने विधेयक बनाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

किसे कहा जाता है नजूल भूमि?

नजूल भूमि ऐसे जमीन को कहा जाता है, जिसका कोई वारिस नहीं होता है. दरअसल, आजादी से पहले विरोध करने वाले लोगों और राजवाड़ाओं के जमीन को अंग्रेजी हुकूमत जब्त कर लेती थी. आजादी के बाद सरकार ने इन जमीन को सभी को वापस देने का फैसला किया. इन जमीनों को लेकर जिन लोगों का दावा सही पाया गया, उन्हें वापस कर दिया गया, जबकि बाकी के जमीन पर सरकार ने कब्जा कर लिया.

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