देश में इन दिनों मंदिर-मस्जिद को लेकर बहस छिड़ी हुई है. संभल में हुई हिंसा की वजह भी यही है. मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. हालही में संभल में हिंदू पक्ष ने शाही जामा मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया है. जिसमें कोर्ट के आदेश पर सर्वे भी हुआ. जिसके बाद बवाल भी हुआ. इस बीच अखिलेश यादव ने एक X पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें जैन पूजा स्थलों में कब्जे की बात कही जा रही है.
अखिलेश यादव ने लिखा है कि ‘देश भर के जैन समाज में इस बात को लेकर बेहद आक्रोश है कि उनके पूजा स्थलों और तीर्थों को कुछ बहुसंख्यक प्रभुत्ववादी लोग लगातार अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं. ऐसे कुप्रयासों से शांतिप्रिय, अहिंसक अल्पसंख्यक जैन समाज में चतुर्दिक असंतोष जन्म ले रहा है.’
‘एक विशेष दल का राजनीतिक प्रश्रय पाकर जो लोग अपनी पूजा पद्धति और कर्मकांड जैन उपासना स्थलों पर थोपना चाहते हैं, उनकी मंशा जैन समाज समझ रहा है. ये भारत की विविधता के विरूद्ध एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है जिसमें गुजरात के गिरनार से लेकर शिखरजी तक देश भर के कई अन्य जैन तीर्थस्थलों पर भी कुछ लोग कुदृष्टि लगाये बैठे हैं’.
‘जैन समाज के तीर्थ स्थलों व मंदिरों को बचाने के लिए सबको एकजुट होना चाहिए. हमारी मांग है कि हर अल्पसंख्यक समाज को अपनी परंपरागत पूजा, उपासना या इबादत का संविधान सम्मत हक़-अधिकार मिलना चाहिए.’
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