समाजपार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को संदेश देते हुए कहा है कि देश में मणिपुर जैसी डरावनी हिंसक घटनाएं दोबारा न हो, इसका संकल्प हर देशवासी को लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर प्रदेश में जो घटना हुई है किसी भी देश में ऐसी घटना नहीं हुई होगी। वहीं आज के दिन हम लोगों से यही अपील करते हैं कि मणिपुर के लोग जिस प्रेम और सद्भावना के साथ मिलजुल कर रह रहे थे, वैसे ही रहे, और इस तरह की घटना दोबारा न हो। केवल मणिपुर ही नहीं बल्कि देश के किसी भी कोने में किसी भी बेटी और महिला के साथ दुर्व्यवहार न हो।

अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को आजादी तमाम शहादतों के बाद मिली है। उनकी कुर्बानी भुलाई नहीं जा सकती है। आज जब हम आजादी की खुशियां मना रहे हैं हमें आजादी की लड़ाई में लिए गए संकल्पों और स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का व्रत लेना होगा। हमें आजादी के साथ चुनौतियां भी मिली है। आज महंगाई चरम पर है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। अगर दुनिया के आंकड़ों को देखें तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमारा देश बहुत पीछे दिखाई दिया है। किसानों की आर्थिक दिक्कत बढ़ी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले क्रांतिकारी भगत सिंह और दूसरे क्रांतिकारियों को भी याद करते हुए नमन करते हैं जिनके संघर्षों से हमें आजादी मिली। हम आज के दिन उनके सपनों को पूरा करने का भी संकल्प लेते है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारे देशवासियों को इस बात की चिंता है कि कुछ लोग जाति के भेदभाव को आगे रखकर झगड़ा करा कर वोटों को साधने का काम कर रहे है। लोकतंत्र की मजबूती, भाईचारा और सद्भावना के साथ संविधान के रास्ते पर चलकर ही हमारा देश दुनिया में आगे बढ़ता नज़र आएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर और डॉ0 लोहिया ने समय-समय पर कोशिश की थी कि देष से छुआछूत, जातिवाद दूर हो। समाजवादी इसी रास्ते पर चलते रहे है।

अखिलेश यादव ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी हमारे देश में नौजवानों की है। मर्द किसान खुशहाल हो और हर नौजवान के हाथ में नौकरी तथा रोजगार कैसे पहुंचे इस पर ध्यान देना है। पढ़ाई और शिक्षा का स्तर कैसे बेहतर हो, जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं वह गरीबों को कैसे मिल पाए? साथ ही साथ सुरक्षा की भावना कैसे पैदा हो? हमारे देश में अलग-अलग भाषा, अलग-अलग प्रदेश हैं ऐसी डाइवर्सिटी शायद किसी भी देश में नहीं है। हमारे देश में जो यूनिटी और डाइवर्सिटी है उसको लेकर ही हमें चलना होगा।

अखिलेश यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब हम 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर महापुरुषों को याद कर रहे हैं तो इस देश के महान और नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले रविंद्र नाथ टैगोर को भी याद करते हैं जिन्होंने कहा था कि हमारे देश में राजनीतिक समस्या नहीं है, समस्या हमारे समाज की है, जो समाज की बुराइयां है, जो हमारे समाज में अभी भी दूरियां हैं, उनको हम कैसे कम करेंगे?

सपा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्र में जो स्वतंत्रता है उसमें हम कहां खड़े हैं, हम प्रेस की आजादी में कहां खड़े हैं? हम करप्शन में कहां खड़े हैं? हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नौजवानों के हाथों में हम नौकरी और रोजगार दें।

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे लोगों के सपने पूरे हो सके। उन्होंने कहा हैं कि जिस तरीके की महंगाई है वह देश के लिए चिंता का विषय है। अगर इसी तरीके से महंगाई बढ़ती रही और लोगों के हाथ में रोजगार नौकरी न हुई तो हमारा देश कहां जाएगा इसके बारे में सोचना होगा।

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