वाराणसी. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में खाने के लिए हाय तौबा मच गई. यहां पर खाना कम पड़ गया. जिस वजह से करीब 100 से ज्यादा दूल्हा-दुल्हन और उनके घरवालों बिना खाना खाए ही लौट गए. खाना न मिलने पर राज्यमंत्री और विधायकों की मौजूदगी में ही बारातियों और परिजनों में हंगामा शुरू हो गया. बर्तन खाली देखकर कर्मचारी काउंटर छोड़कर भाग निकले. इस पूरे मामले को लेकर अखिलेश यादव ने डबल इंजन सरकार को घेरा है.

उन्होंने X पर एक पोस्ट साझा की है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘भ्रष्टाचार के लिए भाजपाइयों का पेट सुरसा के मुंह जैसा है. भाजपाई ‘कोरोना दान’ का तो खा गए अब क्या ‘कन्या दान’ का भी… शर्मनाक! ये तो प्रधान संसदीय क्षेत्र का हाल है. जनता पूछ रही है कि इसकी जांच वहां वाले इंजन करेंगे या यहां वाले? जब सारा हिसाब-किताब दोनों मिलकर करते हैं तो जांच की औपचारिकता भी दोनों को मिलकर करनी चाहिए.’

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दोनों पक्षों के 10-10 लोगों की थी व्यवस्था

दरअसल, ये पूरा मामला हरहुआ (पिंडरा) क्षेत्र का है. शादी समारोह की पूरी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग यानी सरकार की होती है. लड़की और लड़का पक्ष के 10-10 लोगों के खाने की व्यवस्था होती है. इसके लिए कूपन जारी किया जाता है. लेकिन हरहुआ में गुरुवार को लोगों के लिए खाना ही कम पड़ गया. 193 जोड़ों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. काशी कृषक इंटर कॉलेज में 193 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. इसमें 4 मुस्लिम जोड़े भी शामिल थे.

पत्तल लेकर घूमते दिखे दूल्हा-दुल्हन

शादी की रस्मों के दौरान खाने का कार्यक्रम शुरू हुआ. थोड़ी देर में ही पूरा खाना खत्म हो गया. समारोह में आए लोग एक-दूसरे से भिड़ गए. इधर दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजन पत्तल लेकर एक काउंटर से दूसरे काउंटर का चक्कर लगाते दिखे. समारोह के दौरान मौके पर राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल और अजगरा विधायक टी. राम समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे. इनके सामने ही लोग आपस में भिड़ गए.