ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी वीबी-जी राम-जी बिल पेश कर दिया है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में मनरेगा (MGNREGA) का नाम चेंज करने वाला बिल पेश किया. योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इसी क्रम में सरकार की ओर से लाए गए इस बिल पर अखिलेश यादव ने भी नाराजगी जाहिर की है.

अखिलेश ने कहा कि ‘जिनके अंदर आत्मा नहीं है वो न तो महात्मा में विश्वास करते हैं, न परमात्मा में. जिन पूजनीय महात्मा गांधी जी ने सत्य की लड़ाई जीवन भर लड़ी, उन्हें वो नकारात्मक लोग कैसे मान सकते हैं, जिनकी हर बात झूठी है. ये ‘सत्य के प्रयोग’ बनाम ‘असत्य का दुरुपयोग’ करनेवालों के बीच का संघर्ष है. जिन्होंने ‘राम-नाम’ को शक्ति माना उनका नाम मिटाकर, राम राज्य लाने का झूठ बोलनेवाले अब निरंतर पतन की ओर हैं.’

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‘मनरेगा में राज्यों पर खर्चे का भार बढ़ाकर दरअसल गरीब विरोधी भाजपाई लोग इस ग्रामीण आजीविका की योजना को अंदर-ही-अंदर खत्म करना चाहते हैं. भाजपाई तो पहले ही कह चुके हैं वो इसे स्मारक मानते हैं. इस बात से खिन्न देशवासी कह रहे हैं कि कहीं ‘कोई’ महात्मा शब्द अपने लिए बचाकर तो नहीं रखना चाहता है.’