महाकुंभ नगर. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को संगम में डुबकी लगाई. उनके साथ अन्य सपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. वे आज ही प्रयागराज पहुंचे थे जहां वे सीधे संगम में स्नान के लिए गए. यहां उन्होंने त्रिवेणी में डुबकी लगाई और सूर्य देव को अर्घ्य भी दिया. इसके बाद उन्होंने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए.

पूरी दुनिया में महाकुंभ की भव्यता की चर्चा है. कुंभ मेले में आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. साधु- संत, फिल्मी सितारे, नेता और देश-विदेश से श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस बीच यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी आस्था की डुबकी लगाई है. वहीं अब तक संगम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, सांसद रवि किशन, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, गौतम अडानी, एप्पल की मालकिन लॉरेन पॉवेल, कुमार विश्वास, 21 देशों के प्रतिनिधिमंडल समेत कई लोग संगम में स्नान कर पुण्य के भागी बन चुके हैं.

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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.

जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.