हिंदू कलेंडर के अनुसार अक्षय तृतीया का त्योहार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 22 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है। धार्मिक दृष्टि से सभी मासों में श्रेष्ठ वैशाख मास को पुराणों में जप, तप, दान का महीना कहा गया है इसलिए इस माह विशेष में विशेष तौर से वरुण देवता की पूजा का विशेष महत्त्व होता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया सभी पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली अक्षय तिथि है। इस दिन शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप अपनी राशि के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान-पुण्य करेंगे तो आपके पुण्यों में वृद्धि होकर आपको सुख-सौभाग्य प्राप्त होगा।

दिवाली की तरह अक्षय तृतीया पर भी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल की अक्षय तृतीया बेहद खास है, क्योंकि अक्षय तृतीया पर अबकी बार मेष राशि में 5 ग्रहों सूर्य, गुरु, बुध, राहु और यूरेनस का अनोखा संयोग बना है जबकि इस दिन चंद्रमा और शुक्र दोनों वृष राशि में होकर बेहद शुभ फलदायी स्थिति में होंगे। ऐसे में अक्षय तृतीया अबकी बार इन 5 राशियों के लिए बहुत ही लाभकारी और शुभ फलदायी रहेगा।

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

22 अप्रैल सुबह 7 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. इस मुहूर्त में मांगलिक कार्यों को करना शुभ माना जाता है. साथ ही लोग इस मुहूर्त में सोना खरीदते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है और घर में सुख- समृद्धि बढ़ती है.

अक्षय तृतीया पूजा विधि

  • इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु भगवान की पूजा विशेष रूप से की जाती है.
  • इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर के साफ कपड़े पहनें.
  • मंदिर को साफ करें, इसके बाद मंदिर में सभी भगवानों को गंगाजल अर्पित करें.
  • फिर फूल और प्रसाद अर्पित करें. मां लक्ष्मी को लाल रंग का फूल चढ़ाएं और भगवान विष्णु को कमल और चमेली का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है.
  • भोग में पीले रंग की मिठाई और खीर का भोग लगाएं.
  • इसके बाद दीपक जलाएं और आरती करें.
  • भगवान से घर में सुख-समृद्धि की कामना करें और हाथ जोड़कर आर्शीवाद लें.
  • अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं और निजात पाना चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया पर घर में श्रीयंत्र स्थापित करें। आप चाहे तो पूजा गृह में भी स्थापित कर सकते हैं। इसके बाद विधि विधान से श्रीयंत्र की पूजा उपासना करें।

अक्षय तृतीया के दिन धन प्राप्ति आदि के लिए लोग कई टोटके और उपाय आजमाते हैं। हम यहां कुछ उपाय बता रहे हैं.

  • अगर आप पुण्य कमाना चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन दान जरूर करें। इस दिन अन्न, जल, अर्थ आदि चीजों का दान कर सकते हैं। खासकर, अक्षय तृतीया पर जौ का दान करना उत्तम होता है। इसके अलावा, गुड़, चीनी, फल, सब्जी, शीतल पेय आदि चीजों का भी दान कर सकते हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन शंख खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख खरीदें। वहीं, पूजा के समय शंख जरूर बजाएं। इस उपाय को करने से घर में व्याप्त नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है।
  • अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की चीजें खरीदने का विधान है। आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी की लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें।
  • अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखने से देवी लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां भी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन घर के पूजा स्थल पर एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन पितरों की प्रसन्नता और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए।
  • इस दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या यह बारह दाक्लिकन का महत्व है।
  • सेवक को दिया गया दान एक चौथाई फल देता है।
  • कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन लोग शादी विवाह का विशेष आयोजन करते हैं।

अक्षय तृतीया पर्व तिथि व मुहूर्त 2023

22 अप्रैल 2023, शनिवार

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त

07:49 AM से 12:20 PM बजे तक
अवधि – 4 घण्टे 31 मिनट्स

तृतीया तिथि प्रारंभ

22 अप्रैल 2023, को 07:49 AM बजे

तृतीया तिथि समाप्त

23 अप्रैल 2023, को 07:47 AM बजे

सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त

22 अप्रैल को 07:49 AM से 23 अप्रैल 05:48 AM तक

सुबह मुहूर्त (शुभ) – 07:49 AM से 09:04 AM
शाम मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:20 PM से 05:13 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 06:51 PM से 08:13 PM
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09:35 PM से 01:42 AM, अप्रैल 23