जितेंद्र सिन्हा, गरियाबंद। देशभर में आज अक्षय तृतीया बड़े ही धूमधाम मनाया जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में भी अक्षय तृतीया (अक्ती तिहार) का अलग जश्न देखने को मिला. यहां कुल्फी और चोकोबार ने अपने बेटे-बेटी की शादी बड़े उत्साह के साथ कराई. शादी के निमंत्रण के लिए बाकायदा फूलमती संग मंगलू के नाम से कार्ड भी छपवाए गए.
ग्रामीण बच्चों के लिए पारम्परिक तिहार अक्ती बेहद खास होता है. बच्चे गुड्डे-गुड़ियों की शादी बड़े धूमधाम करते हैं. वहीं फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव भेंड्री में बच्चों ने गुड्डा-गुड़िया की शादी के लिए बाकायदा शादी कार्ड भी छपवाया. गांव के बीच चौपाल में शादी का भव्य मंडप सजाकर ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते गुड्डे-गुड़ियों की शादी कराई गई.
अक्ती तिहार में दूल्हा बने गुड्डा का नाम मंगलू और पिता का नाम कुल्फी रखा गया. वहीं गुड्डी (दुल्हन) का नाम फूलमती और पिता का नाम चोकोबार रखा गया है. अक्ती का यह दिन शादी के लिए शुभ महामुहूर्त होता है. बिना पोथी-पुराण देखे आज के इस खास दिन शादियां सम्पन्न किये जाने की प्राचिन मान्यता भी है.
बता दें कि अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय तृतीया का दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है. अक्षय तृतीया के दिन को त्रेता युग की शुरुआत भी माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन किये गये कार्यों से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. ‘न क्षय इति अक्षय’ यानि जिसका कभी क्षय न हो, वह अक्षय है. इस दिन जो भी शुभ कार्य, पूजा पाठ या दान-पुण्य आदि किया जाता है, वो सब अक्षय हो जाता है.
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