मुंबई. 25 दिसंबर को रात 8 बजे, ज़ी सिनेमा पर दर्शक फिल्म ‘किसको था पता’, देख सकते है. ये एक ऐसी कहानी जो आपके दिल को छू जाएगी. ‘शादी में जरूर आना’ और ‘मिडल क्लास लव’ जैसी फिल्में बनाने के लिए मशहूर निर्देशक रत्ना सिन्हा की फिल्म ‘किसको था पता’ में अशनूर कौर, अक्षय ओबेरॉय और आदिल खान जैसे शानदार कलाकार हैं. तो इस क्रिसमस पर प्यार, जूनून और दीवानगी के एक दिलचस्प सफर के लिए तैयार हो जाइए, जो पूरे परिवार के लिए एक यादगार अनुभव बन जाएगा.
ये कहानी एक छोटे से शहर रायपुर में शुरू होती है, जो इस फिल्म की सादगी और असलियत को पूरी तरह से महसूस कराता है. और हां, इसके शानदार गाने-पागल हुआ, रज के और शैदाई-सिर्फ आपके कानों को ही नहीं, दिल को भी सुकून से भर देंगे. हर गाना आपको फिल्म के इमोशनल सफर पर ले जाएगा, और यकीन मानिए, आप इन्हें बार-बार सुनने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
अशनूर कौर ने कहा, “श्रेया एक ऐसा किरदार है जो किसी से भी जुड़ सकता है, जो प्यार के बोझ और उसे खोने के डर को महसूस कर चुका हो. इसकी कहानी सच्चाई, ताकत और खोई हुई उम्मीदों का आईना है. मुझे खुशी है कि मैं ऐसी कहानी का हिस्सा हूं, जो दर्शकों को प्यार और किस्मत पर सवाल उठाने पर मजबूर कर देगी. यह पहली बार था जब मैंने अपने पैरेंट्स के बिना अकेले शूटिंग की, तो मैं थोड़ी घबराई हुई थी, लेकिन साथ ही बहुत उत्साहित भी. मुझे उम्मीद है कि लोग ज़ी सिनेमा पर ये फिल्म देखते हुए श्रेया से उतना ही जुड़ाव महसूस करेंगे जितना मैंने किया.”
अक्षय ओबेरॉय ने कहा, “देवांश एक ऐसा शख्स है, जिसकी पूरी दुनिया उस वक्त बिखर जाती है, जब वो इंसान उसे छोड़ देता है, जिससे वो सबसे ज्यादा प्यार करता है. ये किरदार जज़्बातों से भरा हुआ था, जिसने मुझे माफी और सहनशीलता की असली ताकत सिखाई. ‘किसको था पता’ में काम करना मेरे लिए एक मुकम्मल सफर था, जहां मुझे एक ही किरदार में कई अलग-अलग जज़्बातों को जीने का मौका मिला. मैं चाहूंगा कि दर्शक देवांश के सफर में शामिल हों और उसके दिल टूटने, फिर से खुद को ढूंढने और आगे बढ़ने की कहानी का हिस्सा बनें. ये कहानी ख़त्म होने के बाद भी आपको हमेशा याद रहेगी.”
आदिल खान ने कहा, “धैर्य एक ऐसा किरदार है, जो ज़िंदगी को पूरी तरह से जीता है. उसकी जोश और मस्ती भरी ज़िंदगी इस फिल्म को ताजगी देती है. धैर्य का किरदार निभाते हुए मैंने उसके हर अंदाज़ को महसूस किया. ‘किसको था पता’ सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, यह एक पूरी जिंदगी की कहानी है. मैं रत्ना सिन्हा का शुक्रगुज़ार हूं, जिन्होंने मुझे इस रोल के लिए चुना. अशनूर और अक्षय के साथ काम करना एक शानदार अनुभव था, और मुझे उम्मीद है कि दर्शक फिल्म को उतना ही एन्जॉय करेंगे जितना हमने इसे बनाते हुए किया.”
डायरेक्टर रत्ना सिन्हा ने कहा, “किसको था पता के साथ, मैंने ज़िंदगी के अनजाने रास्तों पर गौर किया, और ये जाना कि हम प्यार और उसे खोने के दर्द का सामना कैसे करते हैं. यह फिल्म व्यक्तिगत भी है और सबसे जुड़ी हुई भी, जिसमें प्यार की सबसे सच्ची और सबसे कच्ची भावनाएं हैं. इस फिल्म के कलाकारों ने दर्शकों के दिल को छूने वाली परफॉर्मेंस दी है. मैं खुश हूं कि यह फिल्म ज़ी सिनेमा पर आ रही है, ताकि यह भारत भर के लाखों दिलों तक पहुंचे. इस फिल्म की कहानी हमें ये सिखाती है कि हमें आज को पूरी तरह से जीना चाहिए, क्योंकि कल की कोई खबर नहीं है.”