रायपुर. प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रविवार को अपने निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित किए जाने वाले अक्ती तिहार के LOGO और प्रचार फिल्म का विमोचन किया. प्रचार फिल्म में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का वीडियो संदेश शामिल किया गया है.

अक्ती तिहार अक्षय तृतीया के अवसर पर 3 मई 2022 को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित सभी कृषि महाविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित किया जाएगा. कृषि मंत्री चौबे ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को अक्ती तिहार आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं.

बता दें कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग, बीज निगम अन्य विभागों और संस्थाओं के सहयोग से छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार अक्षय तृतीया के अवसर पर 3 मई, 2022 को अक्ती तिहार व्यापक रूप से मनाया जाएगा. इस दिन विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों और कृषि विज्ञान केन्द्रों सहित करीब 60 जगहों पर अक्ती तिहार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत स्थापित उस जिले के प्रमुख गौठानों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा. गौठान समितियां, स्व-सहायता समूहों की सहभागिता भी इस कार्यक्रम में सुनिश्चित की जाएगी. इस अवसर पर किसानों, गौठान समितियों और स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को विभिन्न खाद्यान – दलहन, तिलहन, सब्जी, चारा आदि फसलों के बीज और पौध सामग्री विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और प्रचलित लघु कृषि यंत्रों और औजारों का विरण भी किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान कृषक प्रशिक्षण और कृषक संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा. जिसमें किसानों की तकनीकी समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा.

यै है अक्ती का महत्व

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में अक्ती तिहार (अक्षय तृतीया पर्व) कृषि का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. इस दिन से किसान आगामी फसलों के लिए कार्ययोजना बनाते हैं. वे अपने खेतों में जाकर आगामी फसल के लिए संग्रहित बीजों की पूजा अर्चना करते हैं और कुछ मात्रा में इन्हें उगाकर बीजों की अंकुरण क्षमता का परीक्षण भी करते हैं. अक्ती तिहार के अवसर पर किसान आगामी फसल अच्छी होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की जाती है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के इस महत्वपूर्ण कृषि पर्व को विश्वविद्यालय द्वारा वृहद रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. इस कार्यक्रम में किसानों के साथ-साथ स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.

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पौध सामाग्री का वितरण

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित अक्ती तिहार में किसानों, गौठान समितियों और स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को फल-फूल और सब्जी फसलों की पौध सामग्री का वितरण किया जाएगा. बीजों के साथ ही तकनीकी जानकारी भी मुद्रित रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों, गौठान समितियों और स्व-समूहों के सदस्यों को महाविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में आमंत्रित कर उन्हें नवीन बीजों और कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा.

बायोफर्टिलाइजर का किया जाएगा वितरण

छत्तीसगढ़ बायोइन्क्यूबेशन प्रमोशन सोसायटी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 15 हजार लीटर बायोफर्टिलाइजर का वितरण गौठानों में तैयार वर्मिकम्पोस्ट को समृद्ध बनाने के लिए किया जाएगा. कम्पोस्ट एनरिचमैन्ट के लिए विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा गौठान समितियों के सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन

अक्ती तिहार के महत्व को रेखांकित करने के लिए कृषि महाविद्यालयों में 20 से 30 अप्रैल के बीच छात्र-छात्राओं के लिए रंगोली, गीत, कविता, निबंध और भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी. इन प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को अक्ती तिहार 3 मई, 2022 को आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा. इस अवसर पर परंपरागत बीजों का संरक्षण करने वाले किसानों, कृषक समितियों और वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया जाएगा.

प्रत्येक जिले में अक्ती तिहार से संबंधित कृषि साहित्य, बीज से संबंधित साहित्य और मौसम से संबंधित साहित्य का संकलन भी किया जाएगा. साथ ही इसे विश्वविद्यालय स्तर पर प्रकाशित किया जाएगा. अक्ती तिहार के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अक्ती गीत और इसका लोगो समेत प्रोमो भी बनाया जा रहा है. जिसके जरिए अक्ती तिहार का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.