दिल्ली-NCR में सुबह से तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है. हालांकि, इस मौसम ने स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बारिश और कांवड़ यात्रा के कारण एनसीआर में कई सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे अभिभावकों और अन्य वाहन चालकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, 29 जून से अब तक दिल्ली में 234.6 मिमी वर्षा हो चुकी है, जबकि सामान्य वर्षा 217.5 मिमी है. जुलाई में सफदरजंग ने 10 दिनों में 127.5 मिमी वर्षा दर्ज की है, जबकि इस माह की सामान्य वर्षा 143 मिमी है. इस बीच, मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि दिनभर बारिश जारी रह सकती है.

प्रशासन का अलर्ट

प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे घर के भीतर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें. इसके साथ ही, ट्रैफिक अपडेट का पालन करने, बिजली के खंभों और तारों से दूर रहने, और पेड़ों के नीचे न ठहरने की सलाह दी गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो सतर्क रहने का संकेत है. वहीं, दक्षिण दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रेड अलर्ट लागू है, जिसका अर्थ है अधिकतम सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता.

बारिश का मौसम आते ही दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम के निवासियों के लिए समस्याओं का सामना करना शुरू हो जाता है. देखते ही देखते सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. ऐसा प्रतीत होता है कि बारिश के कारण ये शहर पूरी तरह से ठप हो जाते हैं, और आम आदमी के लिए यह समय कठिनाइयों से भरा होता है. बारिश के पानी से सड़कें तालाब में बदल जाती हैं, जिससे फुटपाथ पर चलना भी मुश्किल हो जाता है.

नालियों की सफाई न होने के कारण पानी का सही प्रवाह बाधित होता है, जिससे जलभराव की समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है. दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पानी कई जगहों पर सड़क पर जमा हो जाता है, जबकि मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप के पास जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे लोगों को चलने में कठिनाई होती है.

ट्रैफिक की भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि लोग घंटों तक फंसे रहते हैं, जिससे उनके काम पर पहुंचने में देरी होती है. ऑफिस के समय में होने वाला यह जाम नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाता है. जिन सड़कों पर पहले 10 मिनट में सफर पूरा हो जाता था, अब वे घंटों का सफर बन जाती हैं. मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन में भीड़ बढ़ जाती है, और लोग परेशान नजर आते हैं, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं होता. बारिश का आनंद लेने के बजाय, ये इंतजार की घड़ियाँ लोगों की जिंदगी को कठिन बना देती हैं.