दिल्ली. मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपनी दावेदारी राज्यपाल आनंदीबेन के सामने प्रस्तुत कर दिया है. इस दौरान दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह और अजय सिंह मौजूद थे. मुख्यमत्री का भव्य शपथ ग्रहण समारोह 17 दिसंबर को दोपहर 1.30 बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में होगा. इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा विपक्षी दलों के नेता भी उपस्थित रहने की उम्मीद है.

इसके पहले कमलनाथ को गुरुवार देर रात तक चली गहमगहमी के बाद आखिरकार कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री चुन लिया. अर्जुन सिंह के पुत्र और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने एक ट्वीट में लिखा ‘कांग्रेस विधायक दल द्वारा कमलनाथ जी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई. आपके ऊर्जावान नेतृत्व में कांग्रेस अपने वचनपत्र को पूरा करेगी और मध्यप्रदेश को समृद्धि की नई की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा.’

कौन हैं कमलनाथ

  • 18 नवंबर 1946 को कमल नाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ. 72 वर्षीय कमल नाथ ने देहरादून के मशहूर दून स्कूल में स्कूली शिक्षा हासिल की. इसके बाद कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम की डिग्री ली.
  • इकोनॉमिक्स के छात्र रहे कमलनाथ की पहचान एक बड़े बिजनेसमैन की भी है. कमलनाथ की सियासत मध्य प्रदेश से शुरू होती है. यहां कि छिंदवाड़ा सीट से कमल नाथ अब तक 9 लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.
  • कमल नाथ ने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और और 1991 में पहली बार केंद्र में मंत्री बने. इसके बाद 1995-96 में कपड़ा मंत्रालय संभाला. कमल नाथ कांग्रेस महासचिव भी रहे. 2004 में UPA की पहली सरकार में कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की अहम जिम्मेदारी संभाली.
  • UPA 2 में कमल नाथ सड़क परिवहन मंत्री बने. हालांकि, 2011 में उन्हें अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री दी गई। इसके साथ ही 2012 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मनमोहन सिंह ने सौंप दी.
  • छिंदवाड़ा के लोगों के सामने कमलनाथ का परिचय कराते हुए इंदिरा गांधी ने कहा था- ‘ये मेरे तीसरे बेटे हैं, इन्हें वोट दीजिएगा.’. कॉमर्स और बिजनेस सेक्टर की समझ को विरोधी भी सम्मान करते हैं. हालांकि, एक प्लस प्वॉइंट उनका गांधी परिवार के करीबी होना भी है. वो संजय गांधी के करीबी दोस्तों में से एक रहे हैं.
  • कमलनाथ गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के करीबी रहे हैं. छिंदवाड़ा के लोगों के सामने कमलनाथ का परिचय कराते हुए इंदिरा गांधी ने कहा था- ‘ये मेरे तीसरे बेटे हैं, इन्हें वोट दीजिएगा.’
  • बाद में ‘इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ’ का नारा भी खूब गूंजा. कमलनाथ न ही सिर्फ संजय गांधी के करीबी दोस्त रहे बल्कि राजीव गांधी के भी भरोसेमंद सिपाही भी रहे.
  • पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच कमलनाथ की स्वीकार्यता और अपनी चुनावी रणनीति में कुशलता की वजह से UPA-2 सरकार में सोनिया गांधी के भी विश्वासपात्र बने.