रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज यानी 3 सितंबर को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे. छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी कलम बंद मशाल उठा आंदोलन करेंगे. जिला, तहसील मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की मांग है कि केंद्र के समान राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को भी महंगाई भत्ता दिया जाए. महंगाई भत्ता समेत अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आज सरकारी कार्यालय बंद होने से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष और अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा के मुताबिक शासकीय सेवकों के लंबित मांगों से संबंधी 14 सूत्रीय मांग है. प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि आज यानी 3 सितंबर को प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को बंद रखा जाएगा. अपनी मांगों को लेकर मशाल उठाकर हड़ताल किया जाएगा.

केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत हो गया है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है. राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत पीछे हो गए है. इस कारण प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रुपए आर्थिक क्षति हो रही है.

इस सामूहिक अवकाश को मंत्रालय, संचनालय, लघु वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ, रविशंकर विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ, नगर निगम कर्मचारी संघ, क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ, छत्तीसगढ़ डाटा एंट्री ऑपरेटर संघ, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, निगम मंडल कर्मचारी महासंघ, छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड समेत अनेक संगठनों ने सहमति दिया है.

इनकी मांग है कि विभागीय पदोन्नति-समयमान वेतनमान स्वीकृति, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण, पुराना पेंशन योजना बहाली, आकस्मिक-कार्यभारित चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का नियमितीकरण, पटवारियों की पदोन्नति और कार्यालयीन उपयोग के लिए लैपटॉप देने. छग राज्य में पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना और अन्य मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चार चरणों में आंदोलन भी कर चुका है.

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