बेंगलुरु. कर्नाटक की कुमारस्वामी मंत्रिमंडल में हुए हालिया फेरबदल के बाद मंत्री पद गंवाने वाले विधायकों में नाराजगी बढ़ रही है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे विधायक रमेश जरकिहोली ने तो मंत्री पद छिनने के बाद इस तरह के संकेत दिए हैं कि वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। विधायक ने कहा है कि वह अगले कुछ दिनों में अपनी योजना को सार्वजनिक करेंगे।

हालांकि कांग्रेस ने इस तरह की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसे में कुछ दिनों तक लोगों को भावनाएं उमड़ेंगी लेकिन सब हल हो जाएगा। जरकिहोली ने एक स्थानीय टीवी चैनल बात की। फोन पर हुई इस बातचीत में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दे देंगे। रमेश जारकिहोली का दावा है कि उन्हें पार्टी के कई विधायकों को समर्थन है।

इससे इस बात को बल मिला है कि वह पाला बदलकर भाजपा में जा सकते हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा ‘कल आपने टीवी देखा, मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं। कब, क्यों-यह सब मैं (समर्थकों के साथ) चर्चा करूंगा और तब फैसला करूंगा। मैं अधिक नहीं बोलूंगा….आपने मेरे फोन पर हुई बातचीत के बारे में कुछ भी सुना है, मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं। मुझे चार दिन का समय दीजिए। मैं अपने निर्णय के बारे में राज्य की जनता को सूचित करूंगा। आपके साथ बातचीत करने के लिए मेरे पास बहुत कुछ है।’

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘उत्तरी कर्नाटक पर ध्यान देना जरूरी था क्योंकि पहली कैबिनेट में वहां से काफी कम मंत्री थे। आज उनके साथ हमने न्याय किया है, इस प्रक्रिया में तालमेल बिठाने की वजह से कुछ सीनियर छूटेंगे ही। हर कैबिनेट विस्तार या बदलाव का कुछ ना कुछ प्रभाव जरूर होता है, कुछ दिनों तक कुछ लोगों को भावनाएं उमड़ेंगी लेकिन सब हल हो जाएगा, यह प्रक्रिया काफी सोच-समझकर की गई है।’

आपको बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को अपने छह महीने पुराने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए गठबंधन साझेदार कांग्रेस के आठ सदस्यों को शामिल किया।