शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है ये जग जाहिर है। अब कमलनाथ की मुश्किलें पार्टी के अंदर और बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। अलाकमान से मुलाकात के बाद हाशिए पर पड़े एमपी कांग्रेस के क्षत्रप फिर से एक्टिव हो गए है। वो अब सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे है।
पांच राज्यों में बुरी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान उन तमाम राज्यों में अपने बिखरे कुनबे को एकजुट करने में जुट गया है, जहां नेताओं की एक दूसरे से आपस में पटरी नहीं बैठती है। कमलनाथ से नाराज नेताओं की दिल्ली दरबार में अब सुनवाई भी हो रही है। पहले अरुण यादव ने मुलाकात फिर उसके बाद अजय सिंह सोनिया गांधी से मिल आए। मुलाकात के बाद दोनों नेता एमपी की सियासत में सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं।
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1 मई 2018 से जबसे कमलनाथ ने पीसीसी चीफ का पद संभाला है तब से अरुण यादव और अजय सिंह का रुतबा एमपी कांग्रेस में वक्त के हिसाब से कम होता चला गया। दोनों नेता 2018 का विधानसभा भी हारे और लोकसभा चुनाव भी। जिसके बाद दोनों नेता हाशिए पर चले गए। लेकिन अब सोनिया गांधी से मिलने के बाद दोनों नेताओं को फिर से राजनीतिक संजीवनी मिलती दिख रही है।
यशपाल सिसौदिया, बीजेपी विधायक ने कहा कि राज्य दर राज्य जिस तरह से कांग्रेस को हार मिल रही है उसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं को समझ आ गया है। चुनाव जीतना है तो एकजुट होना जरूरी है। अब देखना होगा अलाकमान की समझाइश को नेता कितना अमल करते हैं।
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