Ankita Bhandari murder case. उत्तराखंड की कोटद्वार कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder case) मामले में 3 कातिल पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. होटल में रिसेप्शन पर कार्य कर रही अंकिता की 2022 में VVIP मेहमान को एक्स्ट्रा सर्विस न देने पर मौत के घाट उतार दिया गया था. अभी तक उस VVIP का नाम सामने आ पाया है जिसकी वजह से अंकिता भंडारी को मारा गया था. फैसले के मद्देनजर पुलिस ने कोर्ट कैंपस को सवेरे ही छावनी बना दिया था.

पीड़ित पक्ष के वकील ने पुष्टि करते हुए कहा कि अब अगली सुनवाई में सजा का ऐलान होगा. मालूम हो कि इन आरोपियों में से एक पुलकित आर्य तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है. मामला सामने आने के बाद बीजेपी विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया था. सितंबर 2022 में अंकिता भंडारी रहस्यमयी तरीके से लापता हुई थीं और बाद में उनका शव नहर से बरामद हुआ था. यह मामला राज्यभर में आक्रोश का कारण बना था, क्योंकि आरोपी पुलकित आर्य एक पूर्व राजनेता का बेटा है.

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ये है पूरा मामला

अंकिता की हत्या को छिपाने के लिए तीनों आरोपियों ने उसकी लाश को चीला नहर में फेंक दिया था. 20 सितंबर 2022 को पुलकित ने राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में अंकिता के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई. लेकिन जब यह मामला प्रकाश में आया और लोगों ने उग्र प्रदर्शन शुरू किया, तो जिलाधिकारी ने इसे पुलिस को सौंप दिया.

अंकिता पर अनैतिक कामों के लिए दबाव !

22 सितंबर को लक्ष्मण झूला पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ के बाद यह साफ हुआ कि उन्होंने अंकिता की हत्या 18 सितंबर की रात को की थी. उनका कहना था कि वे अंकिता पर अनैतिक कामों के लिए दबाव डाल रहे थे और अंकिता इन राजों को बाहर न लाए, इसलिए उसे चीला नहर में धकेल दिया गया.

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फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आदेश

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आदेश दिया था. 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर बैराज इंटेक से 13 किलोमीटर दूर बरामद किया गया. उसी दिन एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया था, जिसमें यह पुष्टि हुई कि अंकिता की हत्या की गई थी.