भोपाल। मोदी सरकार ने तीनों नए कृषि कानून को वापस ले लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा कि आज फिर से लोकतंत्र की विजय हुई. किसान आंदोलन की विजय हुई. दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी से तीन बिन्दु मांग को पूरी करने को कहा है. किसानों की शहादत को स्वीकार करते हुए उन्हें मुआवज़ा देने को कहा है.
देवास में मीडिया से बीतचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी शायद किसानों की ताकत नहीं समझती है. कांग्रेस पार्टी ने जब भूमि अधिग्रहण अधिनियम लाए भाजपा ने उसका विरोध किया. पहला काम नरेंद्र मोदी ने किया था कि उसके खिलाफ ऑर्डिनेंस निकाला था, लेकिन जब किसानों ने विरोध किया, तब मजबूरी में उसे स्वीकार करना पड़ा. हालांकि राज्य शासन इसका पालन नहीं कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में जो ज़मीनें अधिग्रहित की जाती हैं, उसका सरकारी रेट से चार गुना मुआवजा देना चाहिए. वह नहीं दिया जाता है. कहीं-कहीं दोगुना मुआवजा दिया जा रहा है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र ने फिर यह तीनों किसान विरोधी कृषि कानून लाए. पूरी भाजपा यह बताने में लगी रही कि बहुत अच्छे कानून है. बड़ी प्रगति होगी यहां तक कि नरेंद्र मोदी ने अपने हर भाषण में कुछ ना कुछ किसानों के खिलाफ और कानून के पक्ष में कही. लेकिन आज फ़िर से लोकतंत्र की विजय हुई. किसान आंदोलन की विजय हुई. उन बहादुर किसानों को बधाई देता हूं, जो आज 1 साल से धरने पर बैठे थे. उन शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने इस कानून के विरोध में संघर्ष करते हुए अपनी जान दी.
आज इस अवसर पर मैं बहुत प्रसन्नता के साथ अपनी बात कहना चाहता हूं कि देश के किसानों ने एक बार फिर से जता दिया कि उनसे बिना पूछे कोई भी अगर आप कानून लाएंगे, तो किसान अपना हित समझते हैं. आप उन्हें मूर्ख नहीं बना सकते. मैं किसानों को बहुत बधाई देता हूँ. मेरी प्रधानमंत्री से तीन मांगे हैं.
पहला सवाल – आने वाले सेशन में वे इस कानून को निरस्त करने के लिए कानून लाएं, ताकि उस पर पार्लियामेंट की सील लग सके.
दूसरा सवाल – इस मामले में उसको कानूनन स्वरूप देने के लिए वे सभी राजनीतिक दल, सभी किसानों के संगठनों के साथ चर्चा करें. उसके बाद आने वाले सत्र में बजट सेशन में किसानों के पक्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए कानून लाएं.
तीसरा सवाल- जो किसान शहीद हुए हैं. पूरे तरीके से सम्मान के साथ उनकी शहादत को स्वीकार करते हुए उन्हें मुआवज़ा दिया जाए. राहत राशि दी जाए.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून को वापस लेने का फैसला किया है.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक