प्रयागराज. रेप पीड़ित छात्रा को लेकर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अपने साथ हुई घटना के लिए खुद जिम्मेदार है. पीड़िता कृत्य की नैतिकता महत्व समझने में सक्षम थी. पीड़िता ने खुद कहा है कि वो 3 साथियों के साथ गई थी. इस टिप्पणी के बाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुना और आरोपी को सशर्त जमानत दे दी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है.

दरअसल, गौतमबुद्ध नगर के थाना-सेक्टर 126 में पीड़िता ने आरोपी पर दुष्कर्म की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में आरोपी 11 दिसंबर 2024 से जेल में है. उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि यदि सारे आरोप सत्य भी मान लिए जाएं तो यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि दोनों के बीच सहमति से बने संबंध का है. जमानत दी जाती है तो वह दुरुपयोग नहीं करेगा.

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राज्य सरकार ने किया जमानत का विरोध

वहीं इस मामले में राज्य सरकार के जमानत का विरोध किया. जिस पर अदालत ने कहा कि परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, साक्ष्यों, आरोपी की संलिप्तता और दलीलों को ध्यान में रखते हुए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि आवेदक ने जमानत के लिए मामला बनाया है. अतः यह जमानत याचिका स्वीकृत की जाती है. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को सशर्त जमानत दे दी है.

ये था पूरा मामला

गौरतलब है कि नोएडा स्थित एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली पीड़िता तीन सहेलियों के साथ दिल्ली स्थित एक बार में गई थी. उसका कहना है कि वहां उसे कुछ परिचित मिले, जिनमें आरोपी भी था. शराब पीने के बाद वह नशे की हालत में थी और आरोपित उसके करीब आता जा रहा था. आधी रात तीन बजे तक बार में लगातार उससे साथ चलने के लिए कह रहा था. पीड़िता के अनुसार आरोपित के बार-बार कहने के कारण वह ‘आराम’ करने के लिए उसके साथ चली गई.

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जमानत अर्जी में कहा गया है कि पीड़िता को मदद की जरूरत थी और वह खुद ही उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गई थी. यह भी आरोप है कि आरोपित रास्ते में पीड़िता को आपत्तिजनक तरीके से छू रहा था और नोएडा में अपने घर ले जाने के बजाय उसे गुड़गांव में अपने रिश्तेदार के फ्लैट पर ले गया और वहां वारदात अंजाम दिया. पीड़िता पीजी हॉस्टल में रहती थी.