नई दिल्ली. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पांच गांवों में अवैध खनन के खिलाफ एक याचिका पर जिला मजिस्ट्रेट और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति से तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल ऑल इंडिया कैमूर पीपुल्स फ्रंट द्वारा भगवा, अगोरखास, खेवंधा, रेडिया और कोरगी गांवों में अवैध खनन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

आवेदक के अनुसार, प्रतिवादी संचालकों द्वारा खनन के लिए पोकलेन मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. आवश्यक जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) तैयार नहीं की गई है और ना ही पर्यावरण मंजूरी (ईसी) को रेत खनन दिशानिर्देश, 2020 के तहत ईआईए अधिसूचना, 2006 के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए, ग्रीन कोर्ट ने कहा, “हमें राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, राज्य पीसीबी और जिला मजिस्ट्रेट, सोनभद्र की एक संयुक्त समिति से एक तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट की आवश्यकता है.”

इसे भी पढ़ें – शहरी क्षेत्र से डेयरी हटाने का मामलाः NGT में पेश सरकार की एक्शन टेकन रिपोर्ट में खुलासा, नाममात्र हुई कार्रवाई

ग्रीन कोर्ट ने 30 मार्च के आदेश में कहा, राज्य पीसीबी समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होगी. पैनल को दो सप्ताह के भीतर बैठक करने और साइट का दौरा करने का निर्देश देती है. समिति किसी भी अन्य संबंधित विभाग के साथ समन्वय कर सकती है और तथ्यों की पुष्टि के बाद दो महीने के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है. मामले में आगे की सुनवाई 13 जुलाई को होगी.