कुशीनगर. सरकार भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने और जीरो टालरेंस की बात भले कर रही हो, लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई न होना कहीं ना कहीं सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है. मामला डूडा विभाग का है, जहां पर कार्यरत CLTC शुभम सिंह पर नगर पालिका में कार्यरत सर्वेयरों नें आरोप लगाया है कि शुभम सिंह द्वारा दबाव बनाकर नगर पालिका, नगर पंचायतों में प्रधानमंत्री शहरी आवास में जो पैसे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में जाता है उनके उपर दबाव बनाकर उनसे वसूली कराते हैं.

वहीं मानक के विपरीत और अपात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास देकर इन्होंने सरकार के मानक की धज्जियां उड़ाई हैं. इनके वजह से शहरी आवाज में पात्र लाभार्थी आवास से वंचित रह जाते हैं और अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री शहरी आवास मिल जाता है. यह सर्वेयर नगर पालिका नगर पंचायतों में जो शहरी आवास के आवेदन आते हैं. उस पर इनके द्वारा मौके पर जाकर सर्वे किया जाता है कि आवास के लिए आवेदन किया गया व्यक्ति पात्र है या अपात्र. उसके बाद ये रिपोर्ट डुडा विभाग में कार्यरत CLTC को करते हैं. इनकी अनुमति मिलने के बाद इन सर्वेयरों द्वारा जियो टैग किया जाता है. जिसके बाद शहरी आवास के आवेदन करने वाले आवेदकों के बैंक अकाउंट में पैसे पहुंच जाते, किन-किन लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसे जा रहे उसकी लिस्ट सीएलडीसी शुभम सिंह के पास रहती है. उसके बाद यह सीएलटीसी नगरपालिका मे वार्ड सदस्यों के माध्यम से प्रति लाभार्थी 40 से 50 हजार रुपए वसूली करवा लेता, अगर कोई लाभार्थी पैसे देने से इंकार करता है तो उन लाभार्थियों को इनके द्वारा उसको अपात्र कर दिया जाता, ये सर्वेयर सरकार द्वारा निर्धारित प्राइवेट कंपनियों के आउटसोर्सिंग कर्मचारी रहते हैं.

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जिन पर सीएलडीसी द्वारा धमकी देकर काम से निकालने वह उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराने की धमकी देकर अपात्र लोगों को सर्वे में नाम फिड करवा देता और उसके बाद जियो टैग इनसे करवा लेता विगत तीन वर्षों इस जनपद में आया है. तब से शहरी प्रधानमंत्री आवास अपात्र लोगों को खुब दिया गया और इसके द्वारा जमकर जिले में भ्रष्टाचार किया गया. इसके द्वारा बार बार सर्वेयरों को डरा धमकाकर व अनूचित दबाव बनाकर लाभार्थियों से वसूली करवाया जाता और मकान का किराया गाड़ी के ड्राइवर का वेतन घर का सारा खर्चा हर रोज कुशीनगर स्थित पथिक निवास से भोजन का पैकेट इनसे मंगाता. जो भी सर्वेयर अगर इसके बाद से इंकार करता है तो यह उनको काम से निकाल देता है. उनकी आईडी लाक कर देता है.

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मजबूरी में सर्वेयर इसके आदेश का अनुपालन करते सर्वेयर और सुभम सिंह के बातचीत का एक आडियो सामने आया हैं. जिस पर कुशीनगर सांसद विजय दुबे ने इनके भ्रष्टाचार की शिकायत तत्कालीन जिलाधिकारी यशराज लिंगम से अपने लेटर पैड पर लिखित दिए. जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल उस पर एक्सन लेते हुए इसके उपर पर एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया, लेकिन अपनी राजनीतिक पकड़ के चलते और डुडा में कार्यरत उच्चाधिकारी के चलते बच निकला अपने राजनीतिक संरक्षण के बल पर मामले को ठंडे बस्ते में डलवा दिया. तब तक जिलाधिकारी यसराज लिंगम का स्थानांतरण हो गया और पुरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

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वही सांसद विजय दुबे ने इसके ऊपर लगे आरोप और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग की. इसके बाद भी इस पर कार्रवाई न होना सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है. सांसद द्वारा लिखे शिकायती पत्र में यह हवाला दिए हैं कि इसके पूर्व में भी जिस जिले में यह शुभम सिंह कार्यरत रहा भ्रष्टाचार में लिप्त रहा. जिसके चलते इसका वहां से तबादला कुशीनगर के लिए हुआ, लेकिन यह यहां भी जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है. अब देखना यह है कि जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने वाली प्रदेश सरकार इस भ्रष्टाचारी पर किस तरह की कार्रवाई करती है या इसी तरह यह भ्रष्टाचार में लिप्त CLTC यहां पद पर कार्यरत रहता है.

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