दिल्ली। केंद्र सरकार के डीए और अन्‍य भत्‍तों में कटौती के ऐलान के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने भी अपने सोलह लाख कर्मचारियों के डीए और अन्य भत्ते स्थगित कर दिये। अब योगी सरकार ने करीब आधा दर्जन भत्ते हमेशा के लिए खत्म कर दिये हैं।
योगी सरकार ने कर्मचारियों को मिलने वाले नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) व सचिवालय भत्ता सहित छह भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त करने का फैसला लिया है। सरकार के वित्त विभाग ने इससे संबंधित शासनादेश जारी कर दिया है। बताया जा है कि राज्य सरकार ने कैबिनेट बाई सकुर्लेशन द्वारा इस पर मुहर भी लगा दी है। सरकार के इस फैसले की भनक कर्मचारी संगठनों को लगते ही वे आक्रोश में हैं।
इस संबंध में पूछे जाने पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों में जो भत्ते समाप्त करने की सिफारिशें थी, उन्हें ही समाप्त करने का फैसला सरकार ने लिया है। इन भत्तों को केंद्र सरकार ने भी समाप्त किया है। राज्य कर्मचारियों को वेतन, डीए और एचआरए मिलता रहेगा। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां सुस्त हैं। तमाम संकट के बाद भी कर्मचारियों को उनका वेतन समय से दिया जा रहा है और आगे भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में 12141 करोड़ राजस्व के सापेक्ष महज 1178 करोड़ राजस्व खजाने में आया है। राज्य की आर्थिक हालत खराब है जिसको देखते हुए ये फैसला किया गया है।