रायपुर। प्रधानमंत्री जनधन योजना के 7 वर्ष पूरे हो गए है. इस मौके पर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने फेसबुक लाइव कार्यक्रम में पीएम मोदी का वित्तीय समावेशन के लिए अगस्त 2014 से आरंभ की गई प्रधानमंत्री जनधन योजना के लिए विशेष आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि लोगों तक बैंकिंग सिस्टम की पहुंच उपलब्ध कराने, बचत को बढ़ावा देने, लोन, बीमा पेंशन और वित्तीय सुविधाओं की देश के नागरिकों तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत लगभग तिरालिस करोड़ खाते खोले गए हैं. इन खोले गए खातों में 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई गई है. भारतीय नागरिकों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए जन धन योजना गेम चेंजर की तरह भारतीय साबित हुई है. करोड़ों परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ है.

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के विगत दिनों 6 वर्ष पूरा होने पर भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. जिसमें 3 कोटियों में उद्यमिता विकास के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन सरल शर्तों पर नागरिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है. अग्रवाल ने कहा कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अनगिनत सेनानियों के वीर गाथाओं को जीवन में उतारते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में देश के प्रत्येक व्यक्ति को योगदान जरूरी है.

अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के पद की दौड़ के लिए जारी सत्ता संघर्ष से विकास की दशा और दिशा का बेपटरी हो जाना छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की साल की सरकार की सबसे प्रमुख उपलब्धि है. विकास की बातें केवल बड़े-बड़े विज्ञापन के होर्डिंग्स तक ही सीमित है. व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को साजिश का नाम देकर ढाई साल में छत्तीसगढ़ को पीछे धकेल दिया गया है. अग्रवाल ने कहा कि पिछले चार दिनों से जारी सीएम बनने की कुर्सी दौड़ पूरा देश देख रहा है. छत्तीसगढ़ की राजनीति को शर्मसार करने वाले इस घटनाक्रम को प्रदेश के मुखिया सरकार को अस्थिर करने वाली विपक्ष की साजिश बताते हैं, जबकि मामला उनके मंत्रिमंडल का है.

महामारी के काल में दिल्ली में आलाकमान के सामने और रायपुर के एयरपोर्ट में किया गया. शक्ति प्रदर्शन सरकार के सामूहिक उत्तरदायित्व की असफलता है. यह पूरी कवायद छत्तीसगढ़ की जनमत के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने कहा कि 15 साल में राज्य में तरक्की और विकास की बुनियादी और संरचनाओं की नई इबारत लिखी गई. लेकिन बिजली बिल हाफ के चुनावी वादे को किनारे रखकर विद्युत नियामक आयोग ने छह से 8% बिजली की दरों में वृद्धि करके जनता की जेब में डाका डालने का काम है. जबकि छत्तीसगढ़ विद्युत सरप्लस स्टेट है. किसी भी समय पावर कट की समस्या बनी रहती है. मेंटेनेंस की राशि का गोलमाल कर लिया जा रहा है. ट्रांसमिशन लॉस और कोयले की खपत आधिक्य से रही है. इनपुट कास्ट बढ़ रही है, बिजली बिल में बढ़ोतरी से उद्योग धंधे और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus